गुजरात समेत पूरे देश में नशे के सौदागरों का साम्राज्य दिन-ब-दिन फैलता ही जा रहा है। 25 अप्रैल को एक दिन में करीब 1000 करोड़ रुपए की हेरोइन पकड़ी गई। दोनों ही मामलों के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए थे।
280 करोड़ की ड्रग्स गुजरात के कच्छ में पकड़ी गई, जबकि करीब 700 करोड़ से ज्यादा की हेरोइन अटारी (अमृतसर) इलाके में जब्त की गई। इसे अफगानिस्तान से सूखे मेवे और जड़ी-बूटियों में छिपाकर लाया गया था। माना जा रहा है कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद ड्रग्स तस्करी में तेजी आ गई है। दरअसल, अफीम, गांजा और चरस सहित ड्रग्स अफगानिस्तान में बड़ी मात्रा में उगाए जाते हैं।
एक जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान में 2017 में अफीम का उत्पादन 9 हजार 900 टन रहा था। इसकी बिक्री से करीब 10 हजार करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान की 60 फीसदी आय नशीले पदार्थों से ही होती है।
एक दिन में पकड़ा गया था 21000 करोड़ का ड्रग्स : अकेले गुजरात राज्य की बात करें तो 8 माह के भीतर करीब 25000 करोड़ रुपए के नशीले पदार्थ जब्त किए। इनमें सिर्फ एक दिन में 16 सितंबर 2021 को मुंद्रा बंदरगाह से 3000 किलो नशीला पदार्थ जब्त किया गया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अनुमानित कीमत 21 हजार करोड़ रुपए बताई गई। हालांकि यह वे आंकड़े हैं जो पकड़ में आ चुके हैं। कई मामले ऐसे भी होंगे, जो पकड़ में आए ही नहीं।
पाकिस्तान से आई थी नशे की खेप : कच्छ में जखौना तट के पास गुजरात एटीएस और तटरक्षक बल की एक टीम ने 25 अप्रैल को 280 करोड़ रुपए मूल्य की 56 किलोग्राम हेरोइन जब्त की। ऑपरेशन में पाकिस्तानी नाव अल-हज पर सवार 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये सभी पाकिस्तानी हैं।
बताया जा रहा है कि यह खेप पाकिस्तान के एक ड्रग लॉर्ड मुस्तफा ने भेजी थी। जैसे ही भारतीय समुद्री जलक्षेत्र के 14 मील के भीतर पाकिस्तानी नौका अल-हज पहुंची, तस्करों ने भागने की कोशिश की, लेकिन कोस्टगार्ड की टीम ने फायरिंग की और सभी को दबोच लिया। इनमें से 3 से 4 ड्रग तस्कर घायल भी हो गए।
बताया जाता है कि यह खेप उत्तर भारत के लिए भेजी गई थी। सितंबर-अक्टूबर 2021 में भी ईरान से कांडला बंदरगाह पर एक कंटेनर में 205.6 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 1439 करोड़ रुपए आंकी गई थी।