पटना। बिहार में एक बार फिर से जहरीली शराब का कहर देखने को मिला है। पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया और पहाड़पुर थाना क्षेत्र में संदिग्ध अवस्था में 22 लोगों की मौत की खबर है, जबकि 10 से ज्यादा लोग बीमार हैं। प्रशासन ने 6 लोगों के मौत की पुष्टि की है।
पुलिस मामले की जांच कर रही है और उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है जो शराब के अवैध कारोबार में शामिल थे। पुलिस ने अब तक 7 लोगों को हिरासत में लिया है। खबरों के अनुसार, पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया और पहाड़पुर थाना क्षेत्र में संदिग्ध अवस्था में 22 लोगों की मौत की खबर है। आशंका है कि सभी की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है।
हालांकि पश्चिमी चंपारण डीआईजी जयंतकांत ने फिलहाल 6 लोगों के मौत की पुष्टि की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है्। इस मामले में 7 लोगों के हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उल्लेखनीय है कि बिहार में अप्रैल 2016 से ही पूर्ण शराब बंदी लागू है।
मोतिहारी शराब त्रासदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है। मैंने इस घटना के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मौत का सही कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है जो कथित शराब के अवैध कारोबार में शामिल थे। घटना की जांच के तहत पुलिस ने अब तक सात लोगों को हिरासत में लिया है।
आबकारी विभाग के अधिकारी भी घटना की जांच कर रहे हैं। अपुष्ट खबरों के मुताबिक कई अन्य ग्रामीणों को आसपास के जिलों के कुछ निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। राज्य में शराब तस्करों के खिलाफ चल रहे अभियान के बावजूद, बिहार में शराब की तस्करी खबरें आती रहीं हैं।
गौरतलब है कि सारण जिले में दिसंबर 2022 में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी।राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी सारण जहरीली त्रासदी के संबंध में बिहार सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी की रिपोर्ट में मौतों के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया है। Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)