बेंगलुरु। कर्नाटक में मैसूर के पास स्थित 800 साल पुराने महादेवम्मा मंदिर परिसर में तोड़फोड़ करने पर विवाद हो गया। हिंदू संगठनों ने इस मामले में राज्य की भाजपा सरकार के प्रति कड़ी नाराजगी दिखाई है। विरोध को देखते हुए कर्नाटक की बोम्मई सरकार ने अवैध मंदिरों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है।
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले में सबसे ज्यादा 1579 अवैध धार्मिक ढांचे हैं, जबकि शिवमोगा में 740, बेलगावी में 612, कोलार में 397, बागलकोट में 352, धारवाड़ में 324, मैसूरु में 315 और कोप्पल में ऐसे 306 अवैध धार्मिक ढांचे हैं।
नंजनगोडू में 8 सितम्बर को जिस महादेवअम्मा मंदिर पर बुल्डोजर चला उसके बारे में प्रशासन का कहना है कि मंदिर का ये ढांचा 12 साल से ज्यादा पुराना नहीं है, जबकि स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये ग्राम देवता का मंदिर है। उनका कहना है कि मंदिर का निर्माण 9वीं सदी में चोल वंश के शासन शासन के दौरान हुआ है।
मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिन्हा ने भी फैसले का विरोध किया है। वहीं नंजनगोडू प्रशासन ने कहा कि उसने सिर्फ अदालत के आदेश का पालन किया है।