सूरत। गुजरात के सूरत शहर में स्थित एक बिजलीघर के 30 साल पुराने 85 मीटर ऊंचे 'कूलिंग टॉवर' को मंगलवार को नियंत्रित विस्फोट के जरिए गिरा दिया गया।
अधिकारियों के मुताबिक, गैस से चलने वाले उतरन ताप विद्युत संयंत्र के करीब 72 मीटर व्यास और 85 मीटर ऊंचे आरसीसी टॉवर को सुबह करीब 11:10 बजे गिराया गया। एक अधिकारी ने बताया कि 'तकनीकी-वाणिज्यिक कारण' से ढांचे को गिराया गया है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान 262.5 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। टॉवर सात सेकेंड के भीतर एक तेज आवाज के साथ नीचे गिर गया, जिससे धूल की एक मोटी परत फैल गई।
एहतियात के तौर पर लोगों को टावर से करीब 250-300 मीटर दूर रखने के लिए बिजलीघर के आस-पास के क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई थी। यह बिजलीघर तापी नदी के किनारे स्थित है। एक अधिकारी ने कहा कि विस्फोटक लगाने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली गई।
प्रभारी अपर मुख्य अभियंता आर आर पटेल ने कहा कि यह टावर गुजरात राज्य विद्युत निगम के 135 मेगावाट बिजली संयंत्र का हिस्सा था और इसका इस्तेमाल शीतलन उद्देश्यों के लिए किया जाता था। इसकी ऊंचाई 85 मीटर थी, जिसका निचला व्यास 72 मीटर था।
पटेल ने कहा कि सितंबर 2021 में टावर के विध्वंस की प्रक्रिया शुरू हुई और इसके बॉयलर, जनरेटर, टरबाइन और ट्रांसफार्मर को तोड़ दिया गया था। इस टावर का निर्माण 1993 में किया गया था। (भाषा)