पुरानी कहावत है- 'मन के जीते जीत है, मन के हारे हार'। तमिलनाडु के 93 साल के पहलवान पर यह पूरी तरह फिट बैठती है। वे इस उम्र में भी अखाड़े में उतरते हैं।
एएनआई के ट्वीट के मुताबिक मदुरई शहर के पलंगनाथम में 93 वर्षीय पलानी आज भी न सिर्फ अखाड़े में उतरकर कुश्ती का अभ्यास करते हैं बल्कि अन्य पहलवानों को भी कुश्ती के गुर सिखाते हैं।
पलानी के मुताबिक वे 1944 से यहां कुश्ती का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उनका कहना है कि कुश्ती के जरिए ही मैं इस उम्र में खुद को फिट रखता हूं। इससे मेरे विद्यार्थियों को भी प्रोत्साहन मिलता है।
पलानी को सोशल मीडिया पर भी काफी सराहना मिली। प्रवीण कुमार नामक व्यक्ति ने लिखा कि पलानी हर एक भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। विनायक नामक व्यक्ति ने लिखा कि हमें इस तरह के व्यक्तियों को प्रमोट करना चाहिए।