रांची, झारखंड। झारखंड के पाकुड़ जिले की घाघरजानी पंचायत के धोवाडंगाल गांव में मंगलवार को भूख और खाने के अभाव में आदिवासी युवती लुखी मुर्मू की मौत हो गई। उपायुक्त के निर्देश पर बुधवार सुबह प्रशासनिक अधिकारी गांव पहुंचे।
मृतका की बहन ने बताया कि घर में अनाज नहीं होने से उसने दो-तीन दिनों से कुछ नहीं खाया था। ग्रामीणों ने बताया कि परिवार को चार माह से राशन नहीं मिला था। राशन दुकान में मशीन में अंगुली निशान मिलान नहीं होने पर डीलर ने अनाज देने से इनकार कर दिया था। वह कई बार गांव में लोगों से चावल मांगकर लायी थी।
सांसद विजय हांसदा भी मृतक के घर पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि राशन नहीं मिल पाना पूरी व्यवस्था का दोष है। इस बावत ग्राम प्रधान रावण हेम्ब्रम ने कहा कि राशन नहीं मिलने से मौत हुई है। मुखिया लुईसा हेम्ब्रम ने कहा कि अगर अनाज मिल जाता तो मौत नहीं होती।
चचेरी बहन नीरू मुर्मू ने बताया कि पहले लुखी बीमार थी। कई दिनों तक खाना नहीं मिला। वह घर में सबसे बड़ी थी। उनके माता-पिता की मौत कई वर्ष पूर्व हो चुकी थी। घर में उसके अलावा एक छोटी बहन फुलीन मुर्मू है। तीन बहनों, तालामय मुर्मू, रानी मुर्मू और अरसु मुर्मू की शादी हो गई है।