नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली प्रदेश इकाई ने आम आदमी पार्टी सरकार पर दिल्ली महिला आयोग में नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद और लूट का आरोप लगाया है।
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जय प्रकाश और अभय वर्मा तथा पार्टी प्रवक्ता हरीश खुराना और मीडिया प्रभारी शंकर कपूर ने यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में रविवार को कहा कि भाजपा दिल्ली महिला आयोग में भाई भतीजावाद के गंदे खेल को अब और चलने नहीं देगी। आयोग में नियुक्तियों का मुद्दा जब भी उठता है, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वाति मालीवाल के चेहरे पर हताशा साफ दिखाई देने लगती है।
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी पर दिल्ली सरकार के जवाब का उल्लेख करते हुए खुराना ने कहा कि आप के 500 से अधिक कार्यकर्ताओं को भारी भरकम वेतन पर दिल्ली सरकार में संविदा के आधार पर नियुक्तियां दी गईं। अधिकतर रोजगार निरंकुश रूप से सृजित करके दिए गए और नियुक्तियां करते समय शैक्षिक योग्यता से संबंधित मूलभूत नियमों का उल्लंघन किया गया।
उन्होंने कहा कि एक ही पद पर नियुक्तियों में वेतन की असमानता भी है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार को एक लाख पंद्रह हजार रुपए का वेतन दिया जा रहा है जबकि पर्यटन सलाहकार को डेढ़ लाख रुपए मिल रहे हैं। उपमुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार को 85 हजार रुपए जबकि कानून मंत्रियों के मीडिया सलाहकार को 60 हजार रुपए का वेतन दिया जा रहा है।
प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि केन्द्र सरकार में भी हालांकि 'को टर्मिनस' नियुक्तियां की जाती हैं लेकिन वहां सांविधिक शैक्षिक और वेतन नियमों का पालन किया जाता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार में भाई भतीजावाद इस बात से उजागर हो जाता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के आईएएस सचिव राजेन्द्र कुमार का वेतन 79 हजार रुपए है।
इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ लड़ाई की थी जबकि उनके 'को टर्मिनस' सलाहकार नगेन्द्र शर्मा को एक लाख 15 हजार 881 रुपए मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले को जनता के बीच उठाएगी। (वार्ता)