चित्र सौजन्य : ट्विटर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव एस पी गोयल के खिलाफ रिश्वतखोरी का संगीन आरोप लगाने वाले अभिषेक गुप्ता ने शाम ढलते-ढलते यू टर्न ले लिया और कहा कि उसके आरोप निराधार हैं।
लखनऊ पुलिस ने देर शाम एक वीडियो क्लिप जारी की जिसमें अभिषेक ने कबूल किया कि उसके द्वारा प्रमुख सचिव पर लगाया गया इल्जाम मिथ्या है। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय के प्रभारी ने शिकायतकर्ता अभिषेक के खिलाफ सुबह प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था।
पुलिस द्वारा जारी वीडियो में अभिषेक ने कहा कि वह मानसिक रूप से परेशान था और इसी के चलते उसने प्रमुख सचिव के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाए। अभिषेक ने कहा कि उसने बैंक से एक करोड़ रुपए का कर्ज लिया था जिसके एवज में उसे हर महीने एक लाख रुपए की ईएमआई चुकानी थी। प्रोजेक्ट में देरी हो रही थी और इससे वह काफी दवाब में था।
इस बीच मुख्य सचिव राजीव कुमार ने कहा कि मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट उन्हें मिल चुकी है और उसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेजा गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्व के नियमानुसार ग्राम सभा की जमीन को पेट्रोल पंप के लिए नही दिया जा सकता था और इसी कारण अभिषेक का आंवटन रद्द हुआ। अगर यह जमीन पेट्रोल पंप के लिए दी जाती तो उससे गांव का रास्ता बंद हो सकता था। (वार्ता)