अहमदाबाद। अहमदाबाद में शुक्रवार को सुबह भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रथयात्रा के मार्ग में सोने की झाड़ू लगाने की विधि 'पहिंद' विधि कर भगवान जगन्नाथ की 145वीं वार्षिक रथयात्रा की शुरूआत की।
रथयात्रा आज सुबह 07:05 बजे यहां जमालपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर से रवाना हुई दोपहर बाद भगवान के ननीहाल मामा, मौसी के घर के प्रतीक स्वरूप सरसपुर पहुंचेगी जहां विश्राम के बाद देर शाम वापस मंदिर लौट आएगी।
अहमदाबाद के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पुराने इलाकों से होकर गुजरने वाली रथयात्रा के लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। रथयात्रा मार्ग पर 25 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। रथयात्रा मार्ग पर रीयल टाइम मॉनिटरिंग, ड्रॉन के माध्यम से पूरी रथयात्रा की निगरानी के साथ तकनीकी युक्त सुरक्षा उपकरणों को भी रथयात्रा में जोड़ा गया हैं।
अहमदाबाद की भगवान जगन्नाथ रथयात्रा जगन्नाथपुरी की रथयात्रा की तर्ज पर ही निकली है। अहमदाबाद में भगवान के रथ सुबह निकले। रथयात्रा परंपरागत मार्गों पर होकर कर शाम को 8:30 बजे मंदिर में वापस आ जाएगी।
यात्रा की शुरुआत सबसे पहले गजराज से हुई। करीब 18 सजे हुए गजराज यात्रा में सबसे आगे रहे। उसके बाद 101 प्रकार की झांकियां, कसरत के प्रयोग दिखाते हुए 30 अखाड़े, 18 भजन मंडली, तीन बैंडबाजे भगवान के रथ के साथ हैं। करीब 2000 से अधिक साधु-संत हरिद्वार, अयोध्या, नासिक, उज्जैन, जगन्नाथपुरी और सौराष्ट्र से इस रथयात्रा में आए हैं। रास्ते में 1,000 से 1,200 लोग रथ को आगे ले जा रहे हैं।
रथयात्रा के लिए प्रसाद के खास इंतजाम किए गए हैं। करीब 30 हजार किलोग्राम मूंग, 500 किलोग्राम जामुन, 300 किलोग्राम आम, 400 किलोग्राम ककड़ी, अनार और खिचड़ी का प्रसाद रथयात्रा के दौरान बांटा जाएगा। इस रथयात्रा की सुरक्षा के लिए 1.5 करोड़ रुपए का बीमा भी लिया गया है।