औरंगाबाद। एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद इम्तियाज जलील ने यह बयान देकर महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ा दी है कि भाजपा (BJP) को सत्ता में आने से रोकने के लिए उनकी पार्टी शिवसेना की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी (MVA) गठबंधन के साथ हाथ मिला सकती है।
शिवसेना ने औरंगाबाद का नाम बदलने एवं वंदे मातरम के गायन जैसे मुद्दों पर असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली पार्टी के रुख की बात छेड़कर एमवीए के तीन-तीन पहियों वाले एक ऑटो-रिक्शा से आरामदायक कार में बदलने की जलीज की पेशकश शनिवार को खारिज कर दी।
इस बीच एमवीए के दो अन्य घटक दलों- राकांपा एवं कांग्रेस ने कहा कि एआईएमआईएम को साबित करना चाहिए कि वह समान विचारधारा वाली पार्टी है, न कि भाजपा की बी टीम। जलील ने शुक्रवार को कहा था कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ गठजोड़ करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि उनकी मां के निधन पर शोक प्रकट करने शुक्रवार को जब राकांपा नेता एवं राज्य के मंत्री राजेश टोपे उनके घर पर आए थे, तब उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा था, हमेशा यह आरोप लगाया जाता है कि भाजपा हमारी वजह से जीतती है।
वह इस आरोप का हवाला दे रहे थे कि उनकी पार्टी मुस्लिम मतों में विभाजन कर देती है जिससे भाजपा को फायदा हो जाता है। जलील ने कहा था, इस आरोप को गलत साबित करने के लिए मैंने टोपे को प्रस्ताव दिया कि हम गठबंधन के लिए तैयार हैं।
उन्होंने शनिवार को अपनी पेशकश दोहराई एवं कहा, शिवसेना में भाजपा को अकेले दम पर हराने की ताकत नहीं बची है। इसलिए उसे कांग्रेस और राकांपा के सहयोग की जरूरत है। मैं एमवीए रूपी ऑटो रिक्शा को आरामदायक कार में बदलने के लिए उसमें एक और पहिया जोड़ने का प्रस्ताव देता हूं।
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष ने एक मराठी चैनल से कहा, हमने उस पार्षद को पार्टी से निष्कासित कर दिया है, जिसने औरंगाबाद नगर निगम में वंदे मातरम को गाए जाने का विरोध किया था और अब वह राकांपा में शामिल हो गया है।
इस बीच, शिवसेना नेता अम्बादास दानवे ने आरोप लगाया कि एआईएमआईएम के साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं पैदा होता क्योंकि वह पार्टी हमेशा से ही वंदे मातरम का विरोध करती है और उसने यहां भगवा झंडा हटाकर हरा झंडा फहराया था। उन्होंने कहा, एआईएमआईएम एक ऐसी पार्टी है, जो रजाकार की विचारधारा पर चलती है। उससे हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं उठता है।
दानवे के आरोपों का जवाब देते हुए जलील ने कहा, न तो मैं, न ही वह रजाकार के दौर में पैदा हुए थे। शिवसेना सांसद संजय राउत कहते हैं कि हम मुगल बादशाह औरंगजेब की मजार के सामने सिर झुकाते हैं। मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि हम एक नए दौर में जी रहे हैं और औरंगजेब इतिहास का हिस्सा है।
एआईएमआईएम सांसद ने कहा, कोई भी मुसलमान किसी कब्र के सामने सिर नहीं झुकाता। औरंगजेब आपको स्वीकार्य हो या न हो, लेकिन हकीकत यह है कि उन्होंने देश पर शासन किया था। जब मैंने एक विशिष्ट सवाल पूछा तो वे औरंगजेब और रजाकार पर आ गए।
जलील ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एआईएमआईएम ने समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन का प्रस्ताव दिया था, लेकिन वे मुसलमानों का वोट चाहते हैं लेकिन असदुद्दीन आवैसी उन्हें नहीं चाहिए। शिवसेना सांसद संजय राउत ने जलील के सुझाव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जो औरंगजेब की मजार के सामने सिर झुकाते हैं, वे महाराष्ट्र के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकते हैं।
राउत ने कहा, एआईएमआईएम का भाजपा के साथ गुप्त गठजोड़ है, जो उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल में साबित हो गया है। एआईएमआईएम भाजपा की बी टीम है और रहेगी। एमवीए त्रिदलीय गठबंधन है और यहां चौथे साझेदार की गुंजाइश नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि ओवैसी की अगुवाई वाली पार्टी को यह साबित करना चाहिए कि राजनीतिक रूप से भाजपा के खिलाफ है, यहां तक कि आम लोग भी एआईएमआईम को भाजपा की बी टीम मानते हैं।
इस बीच वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जलील के बयान को लेकर अपने पूर्व सहयोगी शिवसेना पर पर निशाना साधा एवं सवाल किया, क्या शिवसेना और एमआईएमआईएम साथ आएंगी? इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
शिवसेना ने अजान प्रतियोगिता शुरू की है और वह जनाब बालासाहब ठाकरे कह रही है। इसलिए उनके साथ आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। एआईएमआईएम ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीती थीं।
प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कई सपा उम्मीदवारों की हार के लिए एआईएमआईएम जिम्मेदार थी। पाटिल ने कहा, एआईएमआईएम को यह साबित करना चाहिए कि उसे समान विचारधारा वाली पार्टी माना जा सकता है और उसे अपनी भड़काऊ भाषा छोड़ देनी चाहिए।
इस बीच टोपे ने कहा कि वह बस जलील की मां के निधन पर शोक प्रकट करने उनके घर गए थे। उन्होंने कहा, यदि एआईएमआईएम गठबंधन के बारे में बातचीत करना चाहती है तो उसे हमारे वरिष्ठ नेताओं से बात करनी चाहिए। वे जयंत पाटिल, अजीत पवार या शरद पवार से बात कर सकते हैं।
शिवसेना नेता एवं पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने आरोप लगाया कि एमवीए के साथ हाथ मिलाने की एमआईएमआईएम की पेशकश के पीछे देवेंद्र फडणवीस हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि एआईएमआईएम एमवीए से जुड़े ताकि हिंदुत्व पर चलने वाले शिवसेना कार्यकर्ता नाराज हो जाएं और फलस्वरूप गठबंधन बिखड़ जाए।(भाषा)