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मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट के बीच माकन की विधायकों से चर्चा, गहलोत ने दिया रात्रिभोज

हमें फॉलो करें मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट के बीच माकन की विधायकों से चर्चा, गहलोत ने दिया रात्रिभोज
, गुरुवार, 29 जुलाई 2021 (23:29 IST)
प्रमुख बिंदु
  • अजय माकन ने विधायकों से की चर्चा
  • गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट
  • फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ा
जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल व हजारों की संख्या में कांग्रेस महासचिव व पार्टी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने यहां कांग्रेस व समर्थक विधायकों से फीडबैक लेने का काम गुरुवार को पूरा कर लिया। अब वे अपनी रिपोर्ट नई दिल्ली में पार्टी आलाकमान को सौंपेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया है।
 
पार्टी सूत्रों ने बताया कि विधायकों से चर्चा के तहत माकन ने दूसरे दिन गुरुवार को 49 विधायकों से आमने-सामने, एक-एक कर चर्चा की। माकन बुधवार को पहले दिन 66 विधायकों से मिले थे और दो दिन में उन्होंने कुल मिलाकर 115 विधायकों से चर्चा की। सूत्रों के अनुसार माकन ने सरकार व संगठन के कामकाज, प्रस्तावित मंत्रिमंडल फेरबदल व पार्टी के संगठन में जिला व ब्लॉक स्तर की नियुक्तियों के लिए उनकी राय ली। माकन अब अपनी रपट पार्टी आलाकमान को सौंपेंगे।
 
वहीं यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने गुरुवार रात कांग्रेस व समर्थक विधायकों को मुख्यमंत्री निवास पर रात्रि भोज के लिए बुलाया। विधायक दल की बैठक के सवाल पर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि विधायक भोज पर आ रहे हैं तो अनौपचारिक बैठक भी होगी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार को गहलोत की ओर से पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों के लिए दिन में भोज का आयोजन किया जाएगा।
 
उल्लेखनीय है कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार दिसंबर 2018 में सत्ता में आई और अपना लगभग आधा कार्यकाल पूरा कर चुकी है। राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 106 विधायक हैं। इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायकों का उसे समर्थन प्राप्त है।
 
इससे पहले दिन में माकन से मिलने के बाद चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में फीडबैक लेना कोई नई बात नहीं है। पहले से चला आ रहा है। यह नई बात नहीं बल्कि अच्छी बात है। कांग्रेस को जिन चीजों से मजबूती मिले और अगर आम विधायक की राय पार्टी आलाकमान तक पहुंचे तो इससे अच्छी बात क्या होगी? वहीं, मुख्य सचेतक जोशी ने कहा कि पार्टी इस तरह के फीडबैक लेती रहती है, यह परंपरा है। जिसके मन में जो बात है कहेगा और आलाकमान के सामने अपनी बात रखने का हक है। यह स्वाभाविक प्रक्रिया है।
 
विधायक ​रामनिवास गावड़िया ने मीडिया से कहा कि जिन वर्गों ने जिन लोगों ने अपना खून पसीना बहाकर सरकार बनाई उनको प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन मंत्रियों को लेकर शिकायत थी उनको लेकर भी बात रखी।

उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल व राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट के बीच माकन व पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने बीते शनिवार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ लंबी चर्चा की थी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि इन नेताओं ने मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ने का फैसला किया है।(भाषा)

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