लखनऊ। उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों से ऐन पहले सपा के भीतर मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक से मुलाकात की। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि अखिलेश यादव की राज्यपाल से मुलाकात 15 मिनट चली। अखिलेश ने राज्यपाल को प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक हालात से अवगत कराया।
मुलाकात के दौरान न तो राज्यपाल और न ही मुख्यमंत्री की मदद के लिए कोई सचिव या अधिकारी मौजूद था। सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से राज्य के ताजा राजनीतिक हालात से अवगत कराने के लिए कहा। खबरें हैं कि राज्यपाल ने विधायकों की सूची मांगी ताकि सुनिश्चित हो सके कि विधानसभा में अखिलेश के पास अब भी बहुमत है।
बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल ने न तो कोई ऐसी सूची या न ही कोई दस्तावेज मुख्यमंत्री से मांगा है। यदि कोई बहुमत पर सवाल उठाता है तो उसी स्थिति में सूची की आवश्यकता होगी। राजभवन अधिकारियों ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया।
अखिलेश यादव के अचानक राजभवन पहुंचने से राजनीतिक हलके में अटकलों का बाजार गर्म हो गया, क्योंकि जब वह राजभवन के लिए रवाना हुए, उस समय 3 नवंबर से शुरू होने वाली प्रस्तावित रथयात्रा के ब्योरे को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यमंत्री सपा विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे।
पार्टी सूत्रों ने अटकल लगाई कि मुख्यमंत्री ने शायद राज्यपाल से मंत्रिपरिषद में रिक्त 4 पदों के बारे में बात की होगी। अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव, ओम प्रकाश सिंह, नारद राय और सैयदा शादाब फातिमा को रविवार को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद से ही पार्टी में उठापटक तेज हो गई थी।
इस बीच सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने बुधवार को अखिलेश के करीबी तेजनारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय को पार्टी से निष्कासित कर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर पांडेय को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने का आग्रह किया है। पांडेय अखिलेश सरकार में जूनियर मंत्री हैं।
सपा में मचा घमासान फिलहाल थमता नहीं नजर आता है हालांकि शिवपाल ने बुधवार को भी दोहराया कि सपा और मुलायम परिवार में कोई विवाद नहीं है। (भाषा)