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अखिलेश यादव ने बूचड़खाने बंद करने पर दिया ये बयान

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लखनऊ , सोमवार, 27 मार्च 2017 (07:48 IST)
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी सत्ता में वापसी करेगी। सत्ता में वापसी के साथ वह गंगाजल से मुख्यमंत्री आवास को धुलवाकर प्रवेश करेंगे। 
 
हाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने कहा कि हमने हार की समीक्षा की है। समीक्षा का दौर अभी चलेगा। अगले महीने 15 अप्रैल से हमारा सदस्यता अभियान शुरू होगा और पूरे उत्तर प्रदेश में ये सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। 30 सितंबर से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।
 
योगी सरकार की कार्यशैली पर चुटकी लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तो केवल झाड़ू लग रहा है। हमें नहीं मालूम था कि हमारे अधिकारी इतनी अच्छी झाड़ू लगाते हैं। हमें मालूम होता तो हम भी खूब झाडू लगवाते। बूचड़खाने बंद कराने की योगी सरकार की मुहिम पर अखिलेश ने कहा कि हमारे शेर बहुत भूखे हैं, नजदीक मत जाना। 
 
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री योगी कहते हैं कि उम्र में वे हमसे बड़े हैं, लेकिन हम कहते हैं उम्र से क्या होता है, काम करने में तो पीछे हैं ना. मुख्यमंत्री आवास की पूजा पाठ और हवन पर कटाक्ष करते हुए अखिलेश ने कहा, मुझे कोई दिक्कत नहीं है इससे, लेकिन मुझे बस मोर की चिंता है जो वहां मंडराते रहते हैं। बातचीत में अखिलेश ने कहा कि जब 2022 में हम वापस आएंगे तो फायर ब्रिगेड में भरकर गंगाजल लाएंगे और 5 कालीदास मार्ग को धुलवाएंगे।
 
अखिलेश ने भविष्य में किसी महागठबंधन की संभावना पर कहा कि इसपर अभी कुछ नहीं कह सकते, अभी हमारा कांग्रेस से गठबंधन बना हुआ है। अखिलेश ने कहा कि मुझे अब उस दिन का इंतजार है कि जब आप लोग यूपी में होने वाली हत्या-रेप की घटनाओं पर उसी तरह योगी की फोटो के साथ खबरें दिखाएंगे जैसे मेरी दिखाया करते थे।

बूचड़खाना : प्रदेश में बूचड़खानों पर हो रही कार्रवाई का विरोध करते हुए मीट विक्रेताओं ने सोमवार से हड़ताल पर जाने का एलान किया है। मटन और चिकन विक्रेताओं, मछली कारोबारियों ने आज से बेमीयादी हड़ताल करने का एलान किया है।
 
उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में मीट विक्रेता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इनमें मटन, चिकन, और मछली बेचने वाले व्यापारी शामिल हैं। हड़ताल की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी उन होटलों और रेस्टोरेंट्स को हो रही है, जिसमें नॉनवेज परोसा जाता है। सप्लाई नहीं आने की वजह से कई होटल और रेस्त्रां बंद हो चुके हैं।
 
हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से साफ-साफ कहा गया है कि कार्रवाई सिर्फ उन बूचड़खानों के खिलाफ हो रही है जो अवैध हैं। मीट बेचने वाले उन दुकानों को भी बंद कराया जा रहा है जिनके पास लाइसेंस नहीं हैं। जिनके पास लाइसेंस है उन्हें अपना काम रोकने की जरूरत नहीं है।
 
उत्तर प्रदेश में 40 वैध और करीब 316 अवैध बूचड़खाने हैं। जिन बूचड़खानों के पास विभागों के लाइसेंस  पूरे नहीं होते वो अवैध माने जाते हैं। बूचड़खाने बंद होने से सरकार को सलाना 11 हजार 350 करोड़ का नुकसान होगा। एनजीटी ने दो साल पहले बूचड़खानों पर बैन लगाया था।
 
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में बूचड़खानों को बंद करने की बात कही थी। 19 मार्च को शपथ लेते ही सरकार ने तुरंत-प्रभाव से अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई की है। प्रदेश के कई जिलों में पिछले एक हफ्ते से बूचड़खानों को सील किया जा चुका है।


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