लखनऊ। कुछ रोज पहले तक जिस सरकारी बंगले की भव्यता की मिसाल दी जाती थी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का वह आलीशान बंगला आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता दिखाई पड़ा।
दरअसल, राज्य संपत्ति विभाग ने शनिवार को मीडिया को श्री यादव का खाली बंगला दिखाने के लिए आमंत्रित किया था। अखिलेश ने चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवंटित बंगला पिछली दो जून को खाली किया था। शनिवार को राज्य संपत्ति विभाग को बंगले की चाभी सौंपी गई थी। बंगले में लगे फ्लोर टाइल्स उखड़े हुए थे, जबकि कई जगह संगमरमर टूटे मिले। बंगले में कई कमरों के दरवाजे जमीन पर पड़े थे। झूमर, ट्यूब लाइट और यहां तक इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के उखाड़ने के निशान जगह-जगह दिखाई दिए।
सीनरी और पेंटिग उखाड़ने के निशान कई दीवारों पर दिखाई दिए। बंगले में लगे एयरकंडीशनर को भी बेतरतीब तरीके से उखाड़ा गया है। आलीशान स्वीमिंग पूल में लगी विदेशी टाइल्स उखड़ी हुई थीं। कई गमले मलबे की शक्ल में तब्दील हो चुके थे। हालांकि बंगले में स्थित एक मंदिर चकाचक मिला।
गौरतलब है कि यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में इस बंगले को भव्यता प्रदान की थी, जिसमें करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे। समाजवादी पार्टी (सपा) के सूत्रों ने बताया कि घर खाली करते समय कुछ टूट फूट लाजिमी है और बचा हुआ सामान इर्द-गिर्द पड़ा मिलना कोई नई बात नहीं है। सरकारी मशीनरी मीडिया के जरिये पूर्व मुख्यमंत्री की छवि को बदनाम करने का प्रयास कर रही है। (वार्ता)