लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि मुद्दा विहीन राजनीति जन विरोधी होती है। केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें विकास को धता बताकर सांप्रदायिक मुद्दों को उभार रही हैं।
अखिलेश ने पाल समाज के प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ये सरकारें गरीबों की भलाई का कोई काम नहीं कर सकती हैं क्योंकि इनका रिश्ता कारपोरेट जगत से है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा छलबल से केवल सत्ता हथियाना जानते हैं लेकिन जनता के साथ धोखाधड़ी की राजनीति ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकती है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार ने विकास का बुनियादी ढांचा तैयार कर दिया है। सड़क, बिजली, कृषि तथा अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार किया गया है। भाजपा का ध्यान इस विकास के विस्तार पर नहीं है। वे तो विकास के मुद्दा को ही भटका रहे हैं। आरएसएस और भाजपा का मूल चरित्र सांप्रदायिक है। उससे सावधान रहना होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पता नहीं ये लोग देश को और लोकतंत्र को किस रास्ते पर ले जाएंगे। समाजवादी पार्टी पिछड़ों को आरक्षण दिए जाने की पक्षधर है। समाजवादी सरकार में ही हमेशा पिछड़ों को सम्मान मिला है। वस्तुतःसमाजवादी पार्टी का पिछड़ों के साथ स्वाभाविक रिश्ता है। यह संबंध अटूट रहेगा समाजवादी पार्टी ने जनगणना में जाति गणना की बात उठाई ताकि आबादी के हिसाब से पिछड़े समाज के विकास के लिए हिस्सेदारी तय हो सके।समाजवादी काम की बात करते हैं जबकि भाजपाई बेकार की बात करते हैं।
उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने समाज और वर्ग के संतुलित विकास की योजनाएं लागू की थी। समाजवादी सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ। भाजपा धोखे की राजनीति करती है जबकि समाजवादी पार्टी सिद्धांत की राजनीति करती है। अभी से हालात यह हो गए हैं कि राज्य में कानून का राज नहीं है। चारों ओर अराजकता का बोलबाला है।
बैठक का संचालन श्यामलाल पाल ने किया। इसमें विजयबहादुर पाल (पूर्वमंत्री), श्रीमती जानकी पाल, अयोध्या प्रसाद पाल, मुन्ना पाल, राकेश पाल, विनय पाल, दीप सिंह पाल, डॉ. परशुराम पाल, डॉ. अवधनाथ पाल, लाखन सिंह पाल, चंद्रिका पाल, श्याम बहादुर पाल,राजाबेटी बघेल,सोनू पाल आदि की उपस्थिति थे।