लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के ऊपर जमकर हमला बोला और उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य व स्थानों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग में बदहाली के चलते जनता दर-दर भटकने को मजबूर है।
भाजपा सरकार कागजी विकास की गंगा बहाने में तो माहिर है किंतु विकास को धरातल पर उतारने में उसकी रुचि नहीं है।भाजपा सरकार में ऊपर से नीचे तक लापरवाही और भ्रष्टाचार का बोलबाला है।जुमलों के निर्देशों से सब कुछ ठीकठाक करने का दावा जनता के साथ धोखा नहीं तो क्या है?उत्तर प्रदेश में टार्च से इलाज, मरीज के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
प्रतापगढ़ के प्रताप बहादुर अस्पताल में बिजली कटौती के कारण टार्च की रोशनी में मरीज को टांके लगने की खबर सुर्खियों में है।मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में ध्वस्त स्वास्थ्य व्यवस्था के तहत एक गर्भवती महिला ने जान गंवा दी।
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक गर्भवती महिला को 4 घंटे तक इलाज नहीं मिल सका। अंततः उसने दम तोड़ दिया।राजधानी लखनऊ में जहां पूरी भाजपा सरकार विद्यमान है, कई निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतों की बाढ़ आई हुई है।
लंबी फीस वसूली के बाद भी सही इलाज नहीं मिल रहा है।भाजपा राज में बीमार लोगों को आर्थिक-मानसिक रूप से ज्यादा बीमार बनाने के लिए जीवनरक्षक दवाओं के दामों में भारी वृद्धि हो गई है। सरकारी अस्पतालों में भी हालत में सुधार नहीं हो रहा है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिकारियों की लापरवाही के चलते राजधानी में डायरिया-बुखार का जोर है। संवेदनशील क्षेत्रों में संक्रमण रोकने में विभाग विफल है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश देते रहते हैं, पर उन पर कोई अधिकारी अमल नहीं करता है।
स्वास्थ्य मंत्री तो असहाय स्थिति में हो गए हैं।पूरा स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों की मनमानी का शिकार हो गया है। अब एंबुलेंस सेवा भी ठीक से नहीं चल रही है और न ही अस्पतालों में मरीजों को दवाएं मिल रही हैं। दवा खरीद में घोटाला हो चुका है।