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सर्दी से बचने के लिए शराब के पैग न लगाएं

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कानपुर , बुधवार, 7 दिसंबर 2016 (18:39 IST)
कानपुर। कड़ाके की ठंड और सर्द तेज हवाओं से बचने के लिए उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) और दिल की बीमारी से पीड़ित लोग थोड़ा अलर्ट रहें, क्योंकि यह मौसम उनके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। शरीर को गर्म रखने के लिए 2 पैग व्हिस्की या रम न पिएं या किसी भी प्रकार की शराब से दूर ही रहें तो उनकी सेहत के लिए अच्छा है।
कानपुर समेत सारे उत्तर भारत में अचानक सर्दी का प्रकोप बढ़ गया है। गौरतलब है कि मंगलवार रात कानपुर का न्यून्तम तापमान 10 प्वॉइंट 7 डिग्री तक गिर गया था।
 
डॉक्टरों का मानना है कि इस समय पड़ रही ठंड उच्च रक्तचाप के मरीजों तथा दिल की बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है इसलिए सर्दी से तो बचाव करें ही साथ ही साथ खानपान पर भी ध्यान दें और तेल और मक्खन से बने खादय पदार्थों से पूरी तरह बचें। हो सके तो रोज व्यायाम करें लेकिन सूरज निकलने के बाद मॉर्निग वॉक पर जाएं।
 
उनका कहना है कि इसके अलावा इस मौसम में शराब का इस्तेमाल तो कतई न करें, क्योंकि व्हिस्की और रम के 2 पैग उस समय तो उनकी ठंड कम कर देंगे लेकिन इससे उनका ब्लडप्रेशर भी अचानक बढ़ जाएगा और ब्लड शुगर में भी अचानक बढ़ोतरी हो जाएगी। इस मौसम में ऐसे रोगी एक बार अपने डॉक्टर से मिलकर अपनी दवाओं पर जरूर चर्चा कर लें। ऐसा करना उनके लिए लाभप्रद ही होगा और हो सके तो डॉक्टर के संपर्क में लगातार रहें।
 
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर सुदीप कुमार ने बुधवार को एक विशेष बातचीत में बताया कि सर्दियां बच्चों और बुजुर्गों के लिए तो खतरनाक होती हैं लेकिन उन लोगों के लिए सबसे अधिक परेशानी का कारण बनती है, जो कि हाई ब्लडप्रेशर के मरीज हों या दिल की किसी बीमारी से पीड़ित हों। 
 
डॉक्टरों के अनुसार कड़ाके की सर्दी में उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि ठंड की वजह से पसीना नहीं निकलता और शरीर में नमक का स्तर बढ़ जाता है जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। पीजीआई के कार्डियालॉजिस्ट प्रो. कुमार ने बताया कि इसके अतिरिक्त सर्दी में ज्यादा काम न करने से शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती है और लोग व्यायाम वगैरह से भी कतराते हैं जिससे रक्तचाप बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है और फिर बढ़े हुए रक्तचाप के कारण उनमें ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है।
 
सर्दी के मौसम में खून की धमनियों में सिकुड़न की वजह से खून में थक्का जमने की भी आशंका बढ़ जाती है, जो कि दिल के रोगियों के लिए परेशानी का कारण बनती है। ऐसे में इस तरह के रोगियों को सर्दी के मौसम में परांठे, पूड़ी और अधिक चिकनाई वाले खादय पदार्थों से बचना चाहिए, क्योंकि सर्दी में दिल को आम दिनों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जो कभीकभी उस पर भारी पड़ जाती है।
 
वे कहते हैं कि लोगों के मन में एक गलतफहमी है कि सर्दी के दिनों में गर्म चीजें जैसे गुड़ से बनी गजक या तिल के लडडू आदि खाने से या व्हिस्की या रम के 2 पैग गुनगुने पानी से लेने से सर्दी भाग जाएगी। ऐसा करने से आपको तुरंत तो गर्मी का एहसास हो जाएगा लेकिन आप का रक्तचाप और ब्लड शुगर बढ़ जाएगा, जो आपके स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है और आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। इसी कारण ठंड के मौसम में अस्पतालों के कार्डियोलॉजी विभाग में अचानक मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हो जाता है।
 
संजय गांधी पीजीआई के डॉ सुदीप कहते हैं कि इस ठंड के मौसम में उच्च रक्तचाप और दिल के मरीज सुबह-सुबह की मॉर्निंग वॉक से बचें और हो सके तो शाम को वॉक या एक्सरसाइज करें और कम से कम इतना जरूर करें कि वॉक या एक्सरसाइज में आपके शरीर से पसीना निकलने लगे।
 
उधर शहर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. रामायण प्रसाद ने माना कि सर्दियों के मौसम में हाई बीपी और दिल की बीमारी के रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है लेकिन अस्पताल में ऐसे रोगियों के लिए चिकित्सा के सभी इंतजाम हैं और किसी भी रोगी को लौटाया नहीं जा रहा है। (भाषा)
 

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