चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पद्मविभूषण सम्मान लौटाने के अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल के कदम को शुक्रवार को 'नाटक' बताया और सवाल किया कि उन्हें देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान क्यों दिया गया था? बादल ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में 1 दिन पहले ही अपना पद्मविभूषण पुरस्कार लौटा दिया था।
सिंह ने एक बयान में सवाल किया कि उन्हें नहीं मालूम है कि प्रकाशसिंह बादल को यह पद्मविभूषण क्यों मिला था? बयान में उन्होंने आप नेता अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला। अमरिंदर सिंह ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल हरबख्श सिंह को पाकिस्तान के साथ 1965 का युद्ध जीतने के लिए पद्मविभूषण मिला था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रकाशसिंह बादल ने कौन-सा युद्ध लड़ा या उन्होंने समुदाय के लिए क्या बलिदान दिया?
सिंह ने दावा किया कि अब पूर्व मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने पुरस्कार लौटाकर एक बड़ा बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि इस पर राजनीति बंद होनी चाहिए। यह ड्रामेबाजी 40 साल पहले चलती थी लेकिन यह अब काम नहीं करता है। इससे पहले पंजाब में मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने भी बादल के कदम को 'ड्रामा' कहा था।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि बादल जीवनभर दावा करते रहे हैं कि वे किसानों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि तब उनकी पार्टी ने शुरू में विरोध करने के बाद केंद्रीय अध्यादेशों का समर्थन क्यों किया और फिर रुख बदलते हुए सार्वजनिक रूप से विधेयकों की आलोचना शुरू कर दी। सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की सदस्य के रूप में हरसिमरत कौर बादल उस बैठक में शामिल थीं जिसमें कृषि अध्यादेशों को मंजूरी दी गई थी।
उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और बादल की बहू का जिक्र करते हुए सवाल किया कि क्या वे पढ़ नहीं सकती हैं? सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी उनके बयान को कथित रूप से नया मोड़ देने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। केजरीवाल को झूठ बोलने की आदत होने का दावा करते हए सिंह ने सवाल किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को पहले यह बताना चाहिए कि उनकी सरकार ने केंद्रीय कृषि कानूनों में से एक को क्यों अधिसूचित किया था? (भाषा)