Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अमरनाथ यात्रा अवधि को लेकर बवाल

हमें फॉलो करें अमरनाथ यात्रा अवधि को लेकर बवाल
webdunia

सुरेश डुग्गर

, शुक्रवार, 27 जनवरी 2017 (20:33 IST)
श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा की अवधि को लेकर बवाल अभी से आरंभ हो गया है। जम्मू संभाग में इसकी अवधि को लेकर विवाद इसलिए है, क्योंकि जम्मू संभाग चाहता है कि इसकी शुरुआत परंपरा के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन होनी चाहिए जबकि कश्मीर में अलगाववादी कहते हैं कि इसकी अवधि को और कम किया जाना चाहिए।
इस बार अमरनाथ यात्रा 40 दिनों की होगी। 29 जून को आरंभ होकर 7 अगस्त तक चलेगी। पिछले 4 सालों से इसकी अवधि में लगातार कटौती होती जा रही थी। पहले यह 60 दिनों के लिए चलती थी। 4 सालों से इसकी लगातार घटती अवधि के कारण अलगाववादी नेता बहुत खुश थे, जो पिछले कई सालों से इसकी अवधि को घटाकर 15 दिन करने की मांग को लेकर आंदोलन छेड़े हुए हैं।
 
आंदोलन की धमकी कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी ने फिर दोहरा दी है। वे कहते हैं कि यह कश्मीरियों को मंजूर नहीं है। उनका साथ लंगेट विधानसभा क्षेत्र के आजाद विधायक इंजीनियर रशीद भी दे रहे हैं। दोनों द्वारा जारी बयान कहते हैं कि अगर यात्रा अवधि कम नहीं की गई तो आने वाले दिनों में कश्मीर फिर आंदोलन की राह पर चल पड़ेगा। यह सच है कि अभी तक शांत पड़े गिलानी को अमरनाथ यात्रा अवधि के रूप में एक और मुद्दा मिल गया है।
 
इसी प्रकार का मुद्दा जम्मू संभाग के धार्मिक और राजनीतिक दलों को भी मिल गया है। वे इस यात्रा अवधि में 15 दिनों की वृद्धि करने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, परंपरा के अनुसार अमरनाथ यात्रा की शुरुआत ज्येष्ठ पूर्णिमा को ही होती है और यह श्रावण पूर्णिमा को समाप्त होती है। वर्ष 2009 में ऐसा ही हुआ था। उससे पहले भी ऐसा ही होता आया था।
 
मगर खराब मौसम और अन्य सुविधाओं की दुहाई देते हुए श्राइन बोर्ड इसकी अवधि को बढ़ाने को राजी नहीं है। नतीजतन राज्य दोनों ही संभागों में से उठते आंदोलन के स्वरों के बीच अमरनाथ यात्रा के इस बार भी राजनीतिक रंगत में रंग जाने का खतरा पैदा हो गया है। वैसे यह कोई नई बात भी नहीं है, क्योंकि तत्कालीन स्व. मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद और तत्कालीन राज्यपाल एसके सिन्हा के कार्यकाल से ही यह राजनीति का अखाड़ा बनी हुई है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बर्फबारी ने एलओसी पर भयंकर तबाही मचाई, कई स्थानों पर तारबंदी टूटी