राजकोट। उना कस्बे में दलित समुदाय के युवकों की बेरहमी से पिटाई किए जाने की घटना के विरोध में दलित संगठनों द्वारा किए गए बंद के आह्वान को बुधवार को मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली। कुछ स्थानों पर पथराव और चक्काजाम की घटनाएं प्रकाश में आई हैं। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की।
इस बीच, कांग्रेस ने घोषणा की कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को उना का दौरा करेंगे। आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भी शुक्रवार को उना जाने की संभावना है।
सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात के कुछ इलाकों में पूर्ण बंद रखा गया, जहां पथराव और चक्काजाम की छिटपुट घटनाएं दर्ज की गईं। पुलिस ने कहा कि अभी तक यह बंद कमोबेश शांतिपूर्ण रहा है और राज्य के अन्य हिस्सों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
गिर-सोमनाथ जिले के उना कस्बे में एक गाय की कथित तौर पर खाल उतारने के मामले में 11 जुलाई को दलित समुदाय के कुछ सदस्यों की बेरहमी से पिटाई की गई थी जिसके खिलाफ पूरे राज्य में दलित समुदाय के सदस्यों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। राज्य के कई इलाकों में पुलिसबल तैनात किया गया है।
यह बंद व्यापक तौर पर सौराष्ट्र क्षेत्र के अमरेली और जूनागढ़ शहरों के अलावा धोराजी और ध्रोल जैसे छोटे कस्बों में भी रखा गया और विरोध प्रदर्शन के दौरान बसों को क्षतिग्रस्त करने और पथराव की कुछ घटनाएं हुईं।
इस विरोध प्रदर्शन से जूनागढ़ और अमरेली में जनजीवन प्रभावित हुआ, क्योंकि इन कस्बों में स्कूल, कॉलेज और कारोबारी प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे। पुलिस ने कहा कि जूनागढ़ में एक डिपो पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने राज्य परिवहन की एक बस को नुकसान पहुंचाया।
बंद के दौरान राजकोट में भी सड़कों पर लोगों को प्रदर्शन करते देखा गया जिसके बाद पुलिस ने करीब 50 लोगों को हिरासत में ले लिया, हालांकि इस कस्बे में बंद के आह्वान को नहीं माना गया और स्थिति सामान्य रही।
पाटन में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने एक सिनेमाघर पर पथराव किया जिससे सिनेमाघर को बंद करना पड़ा। उन्होंने कस्बे में चक्काजाम भी किया। ऐहतिहाती उपायों के तहत अधिकारियों ने बंद के आह्वान के चलते कई मार्गों पर राज्य परिवहन की बसों को बंद रखने का निर्णय किया है। अहमदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने चांदखेड़ा और कलपीनगर जैसे कुछ स्थानों पर बंद को लागू कराने का प्रयास किया, जहां उन्हें बाजारों और स्कूलों को जबरन बंद कराते देखा गया।
मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने उना में मोटा सामलीयाला गांव का दौरा किया, जहां 7 दलितों को कथित तौर पर पीटे जाने की घटना घटी थी। उन्होंने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि पीड़ितों को न्याय मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सभी उपाय किए हैं।
इस मुलाकात के बाद पटेल ने कहा कि दलितों को पीटे जाने का दृश्य देखकर कोई भी विचलित होगा। जिस तरह से पिटाई की गई, यह किसी सभ्य समाज में नहीं होता। राज्य सरकार ने आरोपियों की गिरफ्तारी और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराने सहित हरसंभव चीजें की हैं।
इस दौरे में मुख्यमंत्री के साथ राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री रमनलाल वोरा और अहमदाबाद से सांसद किरीट सोलंकी भी थे। (भाषा)