अयोध्या। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राम नगरी अयोध्या सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं। राजनीतिक दल राम नगरी से ही अपना चुनावी बिगुल फूंक रहे हैं। इसी कड़ी में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी अयोध्या पहुंच रहे हैं। ओवैसी के अयोध्या पहुंचने से पहले ही संत-समुदाय ने विरोध शुरू कर दिया है।
ओवैसी के दौरे को लेकर महंत डॉ. भरत दास ने कहा कि वर्तमान स्थिति में हिन्दू सनातन हिन्दू धर्म सभी जातिया संगठित होकर राष्ट्र के लिए, समाज के लिए, देश के लिए, अपने ईष्ट के लिए संगठित हो रही हैं। उनमें चेतना आ गई है। जब राष्ट्र रहेगा, राज्य रहेगा व हमारी धरोहर बच्चे रहेंगे तभी हमारी सनातन परंपरा का अस्तित्व भी रहेगा।
उन्होंने कहा कि समाज के संगठित होने के कारण ही अयोध्या राजनीति का केन्द्र बिन्दु बन रहा हैं। राष्ट्र की धरोहर के रूप में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जो भव्य मंदिर बनने जो रहा हैं, उसके लिए पीएम मोदी जी का जो प्रयास है, वह सराहनीय है। उसी के चलते ही अभी कुछ दिन पहले हमारे देश के राष्ट्रपति कोविंद अयोध्या आए और श्रीराम का दर्शन-पूजन किया जो कि अयोध्या के इतिहास मे पहली बार हुआ।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे
इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या धर्म की नगरी है। यहां हिन्दू और मुसलमान सभी रहते हैं। आज अयोध्या से ही सभी राजनीतिक पार्टियां अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। वह जानते हैं कि अयोध्या से चुनावी शुभारंभ उनके लिए शुभ होगा, किन्तु सवाल यहां अयोध्या का है।
अब ओवैसी का दौरा अयोध्या लग रहा है। हम चाहते हैं कि अयोध्या के मुसलमान हों या उत्तर प्रदेश के मुसलमान, ओवैसी पर कोई भी ध्यान न दे। उन्होंने कहा की ओवैसी हैदराबाद के हैं उनको हैदराबाद ही देखना चाहिए उत्तर प्रदेश में उनकी जरूरत नहीं हैं।
महंत अवधेश दास ने ओवैसी के अयोध्या दौरे पर कहा कि अयोध्या को जो लोग केंद्र बिंदु बनाना चाह रहे हैं, उन्हें पता है कि राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। हिन्दू समाज जागृत हो चुका है। जो लोग लोग हिंदुत्व में आस्था रखते हैं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। लेकिन, जो लोग हिंदुत्व की जड़ खोदते रहते हैं, भारत माता को गालियां देते रहते हैं, ऐसे लोग अयोध्या में आकर चुनाव प्रचार करते हैं तो ये विचारणीय विषय है। वे अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए लोगों को भड़काने के लिए आ रहे हैं।
स्वामी परमहंस दास ने कहा कि ओवैसी अयोध्या से अपना चुनावी बिगुल फूंकना चाहते हैं, लेकिन उनका जो तरीका है, वह गलत हैं। क्योंकि जिस तरह से ओवैसी मंदिर के विरोध में हिन्दू-मुसलमानों को भड़काने का काम करते रहे वह निंदनीय है। अयोध्या जैसी पावन जगह में ओवैसी का प्रवेश वर्जित होना चाहिए। ओवैसी जिस तरह से सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना कर हिन्दू- मुसलमानों में फूट डालने के लिए जो बयानबाजी करते हैं, निश्चित रूप से वह चिंता का विषय है।