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अशोक गहलोत की सिब्बल को नसीहत, कहा- आंतरिक मुद्दे मीडिया के सामने रखने की जरूरत नहीं थी

हमें फॉलो करें अशोक गहलोत की सिब्बल को नसीहत, कहा- आंतरिक मुद्दे मीडिया के सामने रखने की जरूरत नहीं थी
, सोमवार, 16 नवंबर 2020 (21:24 IST)
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के आज दिए बयान पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि कपिल सिब्बल को पार्टी के आंतरिक मुद्दे मीडिया के सामने रखने की कोई जरूरत नहीं थी।
 
गहलोत ने कहा कि उनके बयान से देशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई हैं। कांग्रेस ने वर्ष 1969, 1977, 1989 और 1996 में कई संकटों का सामना किया, लेकिन अपनी विचारधारा, कार्यक्रमों, नीतियों और पार्टी नेतृत्व में दृढ़ विश्वास के चलते हर बार पहले अधिक मजबूती से उभरी। हमने हर संकट में अपने में सुधार किया और वर्ष 2004 में श्रीमती सोनिया गांधीजी के नेतृत्व में यूपीए सरकार बनाई। इस बार भी हम इन संकटों पर विजय पाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि चुनाव में हारने के कई कारण होते हैं। हर बार पार्टीजन एकजुटता दिखाते हुए पार्टी नेतृत्व के साथ मजबूती से खड़े रहे, यही वजह रही है कि हम हर संकट के बाद मजबूत होकर उभरे। गहलोत ने कहा कि अब भी देश में कांग्रेस एकमात्र पार्टी है, जो राष्ट्र को एकजुट रखते प्रगति के मार्ग पर ले जा सकती है।
 
उल्लेखनीय है कि कपिल सिब्बल ने मीडिया से सोमवार को कहा कि ‘हम कांग्रेसियों को मान लेना चाहिए कि कांग्रेस कमजोर हो रही है। कांग्रेस को आत्ममंथन की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस को विकल्प भी नहीं मानती। कांग्रेस ने पिछले 6 वर्ष में आत्मविश्लेषण नहीं किया तो क्या उम्मीद है कि अब करेगी?
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दरअसल, सिब्बल ने अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा है कि ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान ली है। उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों के नतीजों से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि अब हमें कई स्तरों पर कई चीजें करनी हैं। संगठन के स्तर पर, मीडिया में पार्टी की राय रखने को लेकर, उन लोगों को आगे लाना चाहिए, जिन्हें जनता सुनना चाहती है। साथ ही सतर्क नेतृत्व की जरूरत है, जो बेहद एहितयात के साथ अपनी बातों को जनता के सामने रखे।
 
सिब्‍बल ने कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करते हुए पार्टी में अनुभवी ज्ञान रखने वाला, सांगठनिक स्तर पर अनुभवी और राजनीतिक हकीकत को समझने वाले लोगों को आगे लाने की मांग की।  
 
सिब्बल का यह कथित बयान बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में आया है। इस चुनाव में महागठबंधन की घटक कांग्रेस सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई, जबकि उसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था।

आइए मिलकर मोदी और केजरीवाल से लड़ते हैं : कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के ताजा बयान को लेकर सोमवार को उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह उनके साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लड़ाई लड़ें।
 
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के अध्यक्ष कुमार ने ट्वीट किया, ‘सिब्बल जी, दिल्ली देश की राजधानी है। आप यहां से सांसद रहे, मंत्री रहे। पिछले कुछ समय से आप दिल्ली की राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। आइए मिलकर दिल्ली में मोदी और केजरीवाल से लड़ते हैं।’
 
उन्होंने कहा, ‘आप वरिष्ठ नेता हैं। डीपीसीसी में आप किसी भी समय आएं, हमें दिल्ली की लड़ाई के लिए गाइड करें। मैं चाहूंगा कि आप रोज अपना कुछ समय डीपीसीसी में बिताएं। आप जिस भी विभाग में, जिस भी पद पर काम करना चाहें, ये हमारा सौभाग्य होगा।’
 

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