गुवाहाटी। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद असम सरकार की तरफ से कोई प्रगति नहीं होते देख राज्य के दीमा हसाओं में बोरो रोबी के ग्रामीणों ने समाज के सामने एक मिसाल पेश करते हुए अपने दम पर 6 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर सरकार को आईना दिखाया दिया और दुनिया की नजरों से दूर अपने खूबसूरत गांव के साथ खुद इस जहां से अपना नाता जोड़ लिया है।
वर्षों से प्रशासन का दरवाजा खटखटाने के बाद ग्रामीण इस समस्या का हल निकालने के लिए एक सामाजिक कार्यकर्ता अचिंग जेम के पास पहुंचे। जेम ने बताया कि ग्रामीण कई बार सरकार के पास इस समस्या लेकर गए लेकिन कभी भी उसकी तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
इसके बाद वे लोग मेरे पास आए और आग्रह किया कि अगर मैं उन लोगों को सहयोग कर सकूं तो वे लोग अपने दम पर खुद से पहल कर सड़क का निर्माण कर सकते हैं। शुरुआत में मुझे उनके प्रस्ताव पर थोड़ा आश्चर्य भी हुआ, फिर उन लोगों की हालत देखने के बाद अंतत: मैंने कुछ करने का फैसला किया। शुरुआती पड़ताल के बाद यह निश्चित हुआ कि सड़क बनाकर बोरो रोबी को जायकांग गांव के साथ जोड़ा जाए, जहां मनरेगा के तहत मोटर चलने लायक सड़क बनाई गई है।
जेम ने कहा कि लगभग 6 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई है। बोरो रोबी के लोगों को जटिंगा की तरफ से एक पहाड़ को पार कर कहीं जाना पड़ता था इसलिए हम लोगों ने गाड़ी चलने लायक सड़क बनाने का निश्चय किया ताकि लोग कम से कम बिना किसी परेशानी के आवाजाही कर सकें। (भाषा)