AAP vs BJP in delhi : दिल्ली में भाजपा सरकार सरकार पर आम आदमी पार्टी ने बड़ा आरोप लगाया। दिल्ली CM ऑफिस में शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब अंबेडकर की फोटो को लेकर भाजपा और आप आमने-सामने आ गई है। इसे लेकर दिल्ली विधानसभा के सत्र के दौरान सोमवार को AAP ने हंगामा भी किया। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्ता में आते ही सीएम ऑफिस से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दिया है। हालांकि भाजपा ने इसका जवाब भी दिया है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि आप अपने 'भ्रष्टाचार' को छिपाने के लिए 'रणनीति' के तौर पर दावे कर रही है। आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को आरोप लगाया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कार्यालय से बीआर आंबेडकर और भगत सिंह के चित्र हटा दिए गए हैं। हालांकि, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप के इस आरोप को खारिज किया।
क्या कहा आतिशी ने : आतिशी ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली की नई भाजपा सरकार ने बाबा साहब की तस्वीर हटाकर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगा दी। यह सही नहीं है। इससे बाबा साहब के लाखों अनुयायियों को ठेस पहुंची है। मेरा भाजपा से अनुरोध है। आप प्रधानमंत्री की तस्वीर लगा सकते हैं, लेकिन बाबा साहब की तस्वीर न हटाएं। उनकी तस्वीर वहीं रहने दें।
भगत सिंह को मानती है आदर्श : पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी शहीद भगत सिंह को अपना आदर्श मानती है। अन्ना आंदोलन के वक्त भी शहीद भगत सिंह की तस्वीर को लेकर प्रदर्शन किए। पंजाब में जब 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 16 मार्च 2022 को शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में शपथ ली थी। तब से दिल्ली और पंजाब के सीएम ऑफिस में मुख्यमंत्री की कुर्सी के पीछे शहीद भगत सिंह और अंबेडकर की फोटो लगाई जाने लगीं।
भाजपा ने दिया जवाब : भाजपा ने जल्द ही पलटवार करते हुए एक और तस्वीर जारी की जिसमें बगल की दीवार पर बीआर अंबेडकर की तस्वीर दिखाई गई। बाद में एक वीडियो में मुख्यमंत्री की कुर्सी के पीछे महात्मा गांधी, राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी की तस्वीरें दिखाई गईं, जबकि बगल की दीवारों पर अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें लगी थीं।
कैग रिपोर्ट से ध्यान हटाने का प्रयास : भाजपा ने आप पर कैग रिपोर्ट से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। पार्टी ने दावा किया कि आप द्वारा सत्ता में रहने के दौरान किए गए “भ्रष्टाचार” को उजागर करने के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की लंबित रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा में पेश की जाएंगी।
केजरीवाल ने दिए थे निर्देश : जनवरी 2022 में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय सहित सरकारी कार्यालयों में केवल बाबासाहेब आंबेडकर और भगत सिंह के चित्र लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार के कार्यालयों में किसी अन्य नेता की तस्वीरें प्रदर्शित नहीं की जाएंगी।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को नवगठित विधानसभा के पहले सत्र में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली विधानसभा का नेतृत्व ऐसी पार्टी कर रही है, जो दलित और सिख विरोधी है। भाजपा ने अपना दलित विरोधी रुख दिखाते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और शहीद भगत सिंह के चित्र हटा दिए हैं।”
आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में आईपैड पर मुख्यमंत्री कार्यालय की तस्वीर दिखाते हुए कहा, “यह आज की फोटो है, जब हमारे विधायक मुख्यमंत्री से मिलने गए थे। चित्र हटा दिए गए हैं, जिससे साबित होता है कि भाजपा दलित और सिख विरोधी पार्टी है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चित्र हटाकर बाबासाहेब और सिख समुदाय का “अपमान” किया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है और इसके खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक में प्रदर्शन करेगी।
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस कदम से आंबेडकर के लाखों समर्थकों को ठेस पहुंची है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “दिल्ली की नयी भाजपा सरकार ने बाबासाहेब का चित्र हटाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर लगा दी। यह सही नहीं है। इससे बाबासाहेब के लाखों समर्थकों को ठेस पहुंची है।”
केजरीवाल ने कहा, “मेरा भाजपा से एक अनुरोध है। आप प्रधानमंत्री की तस्वीर लगा सकते हैं, लेकिन बाबासाहेब का चित्र मत हटाइए। इसे लगे रहने दीजिए।”
कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आप के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “कल पेश होने वाली कैग रिपोर्ट से ध्यान हटाने के लिए आम आदमी पार्टी जानबूझकर ऐसा कर रही है।”
उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और महात्मा गांधी की तस्वीरों के साथ बाबासाहेब आंबेडकर और भगत सिंह के चित्र अभी भी लगे हुए हैं।
सिरसा ने कहा, “ये आरोप जनता का ध्यान भटकाने का स्पष्ट प्रयास हैं। आप जब सत्ता में थी, तब उसने कैग रिपोर्ट को तीन साल तक दबाए रखा। अब जब इन्हें पेश किया जा रहा है, तो वे अनावश्यक ड्रामा कर रहे हैं।”
उन्होंने दावा किया, “बाबासाहेब आंबेडकर का सम्मान हमसे (भाजपा) ज्यादा कोई नहीं करता।” भाजपा सरकार में मंत्री रवींद्र इंद्रराज ने विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय में लगे भगत सिंह और आंबेडकर के चित्र दिखाए और कहा कि आप नेता “डरे हुए” हैं, क्योंकि मंगलवार को सदन में कैग रिपोर्ट की जाएंगी। इंद्रराज ने कहा, “उनके (आप के) ज्यादातर नेता भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में थे और उन्हें डर है कि उन्हें फिर से सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है। कैग रिपोर्ट आने के बाद उन्हें फिर से परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। यही कारण है कि वे हताशा में ऐसा आरोप लगा रहे हैं।”
कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने आप की आलोचना करते हुए दावा किया कि विपक्षी दल के विधायकों ने सदन की कार्यवाही बाधित की और विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय की गरिमा का “उल्लंघन” किया, जो अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, “पिछले दस वर्षों में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया है। आज उन्होंने विधानसभा की गरिमा का उल्लंघन किया है। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma