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अनंत सिंह पर जानलेवा हमला, जानिए कैसे बना संन्यासी से बाहुबली

पटना जिले के मोकामा इलाके में दो समूहों के बीच बुधवार को हुई गोलीबारी में पूर्व विधायक अनंत सिंह बाल-बाल बच गए।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 23 जनवरी 2025 (07:39 IST)
Anant singh news in hindi : पटना जिले के मोकामा इलाके में दो समूहों के बीच बुधवार को हुई गोलीबारी में पूर्व विधायक अनंत सिंह बाल-बाल बच गए। पुलिस ने इस मामले में 3 एफआईआर दर्ज की है। घटना के बाद से गांव में भारी तनाव है। पुलिस ने यहां सुरक्षा व्यवस्था सख्‍त कर दी है। बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मोकामा से विधायक हैं।
 
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अवकाश कुमार ने बताया ऐसी खबरें हैं कि पटना जिले के बाहरी इलाके बाढ़ के नौरंगा गांव में दो समूहों के बीच 12 से 15 गोलियां चलीं। मामले की आगे जांच की जा रही है। पुलिस ने मौके से तीन कारतूस बरामद किए।
 
बाढ़ के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राकेश कुमार ने कहा कि इलाके के लोगों के विरोधाभासी बयान मिल रहे हैं। हम इसकी जांच कर रहे हैं। ग्रामीणों के एक वर्ग ने दावा किया है कि शुरू में पूर्व विधायक के निर्देश पर उनके समर्थकों ने कुछ गोलियां चलाई थीं जबकि कुछ लोगों ने दावा किया कि दोनों समूहों के बीच गोलीबारी हुई थी। इस घटना में पूर्व विधायक सहित कोई भी घायल नहीं हुआ है।
 
हालांकि, एएसपी ने गैंगवार की संभावना से इनकार किया और कहा, जैसा कि ग्रामीणों ने दावा किया है...दूसरे पक्ष ने जवाबी कार्रवाई में ही गोली चलाई। यह गैंगवार जैसा नहीं लगता। उन्होंने कहा कि एक शख्स द्वारा की गई शिकायत में दावा किया गया है कि गोलीबारी के दौरान उनके घर को निशाना बनाया गया था और इसके आधार पर मामला दर्ज किया जा रहा है।
 
एक समय ईश्वर की आराधना में लीन थे अनंत सिंह : नब्बे के दशक में अनंत सिंह का परिवार भले ही बिहार में अपराध की दुनिया के साथ चुनावी राजनीति में तेजी से आगे बढ़ रहा हो लेकिन चार भाईयों में सबसे छोटा अनंत सिंह इन सबसे दूर वैराग्य लेकर पटना से कोसों दूर हरिद्धार में साधु बन ईश्वर की आरधना में लीन हो गया था।
 
लेकिन कहते है न कि होइहि सोइ जो राम रचि राखा..अनंत सिंह के जीवन पर उक्त लाइन एकदम सटीक बैठती है। सियासी अदावत में अनंत सिंह के बड़े भाई बिरंची सिंह की दिनदहाड़े हत्या कर दी जाती है। भाई की हत्या की खबर सुनकर अनंत सिंह का खून खौल उठता है और भाई के हत्यारों को मौत के घाट उतारने के लिए वह वापस बिहार लौटता है और अपने भाई की हत्या का बदला ले लेता है।
 
38 मामले दर्ज : भाई के हत्यारे को मौत के घाट उतारने के साथ ही अनंत सिंह ने अपराध की दुनिया का बेताज बदशाह बढ़ने की ओर अपने कदम बढ़ा दिए और वह देखते ही देखते बिहार की राजनीति में भूमिहारों का सबसे बड़ा चेहरा बन बैठा। इसके बाद तो अनंत सिंह के नाम का डंका बजने लगा। अपराध की दुनिया में अनंत सिंह के अपराध की अनंत कथाएं पुलिस की फाइलों में एक के बाद दर्ज होनी शुरू हो गई है। बेहद शातिर, चालाक अनंत सिंह देखते ही देखते अपराध की दुनिया का बेताज बदशाह बन गया है। उसको न तो पुलिस का खौफ था और न ही कानून का डर। उसके खिलाफ 38 आपराधिक मामले दर्ज है।
 
राजनीति में अनंत सिंह की एंट्री : अपराध की दुनिया में अनंत सिंह का बढ़ता कद अब बिहार के सबसे बड़े बाहुबली नेता सूरजभान को खटकने लगा था। सूरजभान उस बाहुबली नेता का नाम था जिसने साल 2000 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह के भाई दिलीप सिंह को मोकामा सीट से मात दी थी। विधायक बनने के बाद 2004 में सूरजभान बलिया सीट से सांसद बन गया। सूरजभान के सांसद बनने के बाद अब अनंत सिंह पर पुलिसिया प्रेशर बढ़ने लगा। 2004 में बिहार एसटीएफ ने अनंत सिंह के घर को घेर कर उसका एनकाउंटर करने की कोशिश की लेकिन अनंत सिंह बच निकला। 
 
अनंत सिंह अब तक इस बात को अच्छी तरह जान चुका था कि सूरजभान से मुकाबला करने के लिए उसको राजनीति के मैदान में उतरना ही पड़ेगा जिसके बाद वह साल 2005 के चुनाव में पहली बार मोकामा सीट से नीतीश की पार्टी जेडीयू के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरा और अपराधी से माननीय विधायक जी बन गया। 
 
अनंत सिंह का विधायक बनना और फिर नीतीश कुमार का सत्ता में आना, मानो अनंत सिंह के लिए मुंह मांगी मुराद पूरी होने जैसा था। सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक बनने के बाद उसके अपराधों की रफ्तार और तेजी से बढ़ती गई। इसके बाद 2010 में फिर अनंत सिंह फिर जेडीयू के टिकट पर मोकामा से चुनाव जीत गया। पुलिस की फाइलों का दुर्दांत अपराधी अनंत सिंह अब ‘छोटे सरकार’ के नाम से पहचाने जाना लगा था। मोकामा के लोगों के लिए अनंत सिंह ‘दादा’ बन कर और गरीबों के मसीहा यानि रॉबिनहुड बन बैठे।
 
बाहुबली अनंत सिंह मोकामा विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं। जेल चुनाव लड़ते हुए आरजेडी के उम्मीदवार अनंत सिंह ने बड़ी जीत हासिल करते हुए जेडीयू उम्मीदवार राजीव लोचन नारायण सिंह को 20,194 मतों से हराया। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने NDA उम्मीवार का समर्थन किया था।
edited by : Nrapendra Gupta 

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