नई दिल्ली। यह बहुत ही अजीब है कि बेंगलुरु की वार्थूर और बेलंदूर झील से इतना झाग निकला की वह शहर की सड़कों फैल गया है। बेलंदूर झील में अक्सर आग लगने की खबरें आती रहती हैं। बेलंदूर और वार्थूर झील के आसपास रिहायशी इलाके में रहने वाले लोगों के लिए यह झाग परेशानी बना हुआ है।
सोशल मीडिया पर इस संबंधी में एक वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे झाग सड़कों तक पहुंच गया है और गाड़ियों की आवाजाही में इससे दिक्कत आ रही है। दरअसल, भारी बारिश के बाद बेंगलुरू के वार्थूर झील से निकल रहा जहरीला झाग इलाके में उड़ रहा है। खासकर, शनिवार और रविवार को तो वाटरफील्ड रोड पर लोगों को इस केमिकल झाग से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
तस्वीरों में तो यह देखने में बेहद खूबसूरत लग रहा है लेकिन प्रदूषण से पैदा हुए यह झाग त्वचा के लिए बेहद हानिकारक हैं। यही नहीं, झील से आने वाली बदबू भी इलाके के लोगों के लिए परेशानी का सबब है। बेंगलुरू की तरह बाकी झीलों का भी हाल कुछ ऐसा ही है। पिछले साल अप्रैल में भी लोगों को ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ा था।
दरअसल यह झाग जहरीला इसलिए है क्योंकि इस झील में नाली और नालों के रास्ते फेक्टियों का जहरीला जल पहुंच रहा है। कुछ दिन पहले ही बेलंदूर झील को लेकर कर्नाटक सरकार को सख्त फैसला लेना ही पड़ा। झील को प्रदूषण करने वाले 76 उद्योगों को सरकार ने बंद कर दिया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद राज्य सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। बेलंदूर झील में कभी प्रदूषण के कारण झाग उठने तो कभी आग लगने की खबरें काफी अरसे से आती रही थीं।
झील के आसपास के अपार्टमेंटों को भी जलमल शोधन के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। बोर्ड ने झील के दायरे में स्थित 157 अपार्टमेंटों को भी निर्देश दिया कि वे गंदे पानी को झील में जाने से रोकने के लिए जलमल शोधन संयंत्र लगवाएं। लक्ष्मणन ने कहा, "हमने उद्योगों और अपार्टमेंट मालिकों से दृढ़ता के साथ कहा है कि एनजीटी के आदेश का पालन किया जाए। अपार्टमेंटों की तरफ से यदि जलमल शोधन संयंत्र नहीं लगाए गए तो उन्हें विद्युत आपूर्ति नहीं की जाएगी। (एजेंसी)