Bharatpur Reservation protest : राजस्थान में पिछले 7 दिनों से आरक्षण पर बवाल जारी है। अलग आरक्षण की मांग कर रहे माली समुदाय के लोगों ने भरतपुर में जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक हफ्ते से जाम लगा रखा है। गतिरोध खत्म करने के लिए प्रशासन के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है लेकिन अभी तक कोई निर्णायक फैसला नहीं हो सका है।
तंबुओं में डेरा डाले प्रदर्शनकारियों ने अरौदा गांव के पास एनएच-21 के करीब एक किलोमीटर दूर तक सड़क पर पत्थर रखकर नाकेबंदी कर दी है। जयपुर और आगरा के बीच आने-जाने वालों के लिए वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है।
प्रदर्शनकारी अब मोहन सैनी के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा, आश्रित को सरकारी नौकरी और मोहन सैनी को शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सैनी ने आरक्षण के मुद्दे को लेकर विरोध स्थल के पास एक पेड़ से फांसी लगा ली थी।
माली समाज की नेता अंजलि सैनी ने कहा कि आंदोलन जारी है। हमने मोहन सैनी के परिवार के लिए एक करोड़ रुपये मुआवजा, आश्रित को सरकारी नौकरी और सैनी को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। वार्ता हो रही है। कल की बैठक बेनतीजा रही। प्रदर्शनकारियों ने अभी तक शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने दिया और शव लेने से मना कर दिया है।
नदबई के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) नीतिराज सिंह ने कहा कि प्रदर्शन अब भी जारी है। उनके मुद्दों पर बातचीत की जा रही है। परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों ने शव लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है।
ओबीसी श्रेणी में आने वाले माली समुदाय के सदस्य अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण, एक अलग लव कुश कल्याण बोर्ड के गठन और समुदाय के बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी माली समुदाय से हैं।
चित्र सौजन्य : अंजलि सैनी ट्विटर अकाउंट