भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जिस विवादित धर्मस्थल को लेकर सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ था, वह मस्जिद न होकर पुराने किले का दरवाजा है। इसकी पुष्टि स्वयं भोपाल प्रशासन ने की है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार रात को इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था और दोनों समुदाय आमने-सामने हो गए थे। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और हलका लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी पत्रकारों को भी अपने साथ ले गए और उन्हें हकीकत से रूबरू कराया।
यह है असलियत : विशेषज्ञों का मानना है कि हमीदिया अस्पताल परिसर के जिस हिस्से को मस्जिद बताकर नमाज पढ़ने की जिद की जा रही है, दरअसल वह स्थान फतेहगढ़ किले का पुराना दरवाजा है। इतना ही नहीं इसके दरवाजे पर प्रथम विश्वयुद्ध में जाने वाले सिपाहियों की स्मृति में शिलालेख भी लगा है।
इससे साफ है कि 1919 में प्रथम विश्वयुद्ध के लिए यहीं से 994 सिपाहियों को रवाना किया गया था। इस युद्ध 36 सिपाहियों ने अपनी जान गंवा दी थी। उनकी याद में अंग्रेजी भाषा में लिखा ये शिलालेख है।
यहां से शुरू हुआ विवाद : हमीदिया अस्पताल के विस्तार में पुरानी इमारत को तोड़ने के दौरान यह दरवाजा सामने आया था। मुस्लिम समुदाय के लोग यहां नमाज पढ़ने की जिद कर रहे हैं। साथ ही हिंदूवादी संगठनों ने भी पास के मंदिर में पूजा करने की जिद की। इसके कारण विवाद और इसने सांप्रदायिक तनाव का रूप ले लिया।