मुंबई। नासिक में नगर निगम के एक अस्पताल में जिस टैंक से तरल ऑक्सीजन का रिसाव हुआ था उसका संचालन इस हादसे से महज 21 दिन पहले ही शुरू हुआ था। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। हादसे में 22 लोगों की जान चली गई थी।
यह घटना बुधवार को अपराह्न में हुई जब महाराष्ट्र के नासिक शहर में डॉ. जाकिर हुसैन अस्पताल के मुख्य स्टोरेज टैंक में गड़बड़ी की वजह से ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हुई जिसके कारण वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सहायता पर रखे गए मरीजों का दम घुट गया।
नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने कहा कि पुलिस ने शहर के भद्रकाली थाने के एक वरिष्ठ निरीक्षक की शिकायत के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ गुरुवार को तड़के एक प्राथमिकी दर्ज की है।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने अस्पताल के अधीक्षक द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी को उद्धृत करते हुए कहा, 13 किलोलीटर भंडारण क्षमता वाले ऑक्सीजन टैंक का संचालन 31 मार्च को शुरू हुआ था। घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि रिसाव के बाद मौके पर सफेद धुआं छा गया था।
उन्होंने कहा कि पुलिस को यह भी पता चला है कि यह ऑक्सीजन टैंक (वडोदरा स्थित) आइनोक्सवा कंपनी का था और उसने इसे 10 साल के लिए ताइयो निप्पॉन सैन्सो कॉर्पोरेशन (विभिन्न उद्योगों को ऑक्सीजन व नाइट्रोजन जैसी औद्योगिक गैसों की आपूर्ति करने वाली एक जापानी कंपनी) से किराए पर लिया था।
उन्होंने कहा कि मरीजों को अस्पताल परिसर में लगाए गए सफेद रंग के टैंक से पाइपलाइन के जरिए 24 घंटे ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही थी। अधिकारियों के मुताबिक रिसाव तब हुआ जब एक टैंकर के जरिए टैंक में ऑक्सीजन भरी जा रही थी।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन का रिसाव करीब 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू हुआ। अधिकारी ने कहा कि इस रिसाव को दोपहर बाद पौने दो बजे से दो बजे के बीच किसी तरह रोका जा सका।(भाषा)