गांधीनगर। गुजरात विधानसभा में अगले सप्ताह एक विधेयक पेश किए जाने की संभावना है, जिसमें शादी द्वारा जबरन या धोखे से धर्मांतरण पर 3 से 10 साल की जेल और 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
विधेयक में 2003 के एक कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है और इसमें कहा गया है कि धर्मांतरण के मकसद से शादी के लिए महिलाओं को आकर्षित करने की उभर रही प्रवृत्ति पर काबू का प्रावधान किया गया है।
गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक की प्रति शुक्रवार को विधानसभा में उपलब्ध कराई गई। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी इस तरह के कानून बनाए गए हैं। विधेयक में कहा गया है कि विवाह के बाद जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाना आवश्यक है और इसीलिए यह संशोधन लाया जा रहा है।
विधेयक के अनुसार, शादी के बाद जबरन धर्मांतरण की स्थिति में तीन से पांच साल की कैद और दो लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। यदि पीड़ित नाबालिग, दलित या आदिवासी है तो अपराधियों को चार से सात साल की कैद और न्यूनतम तीन लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है।
इसके अलावा अगर कोई संगठन कानून का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है, तो उसके प्रभारी को तीन से दस साल तक की कैद और पांच लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। विधेयक के अनुसार, इस तरह के मकसद से होने वाले विवाह को रद्द घोषित किया जाएगा और सबूत पेश करने का भार आरोपी पर होगा।(भाषा)