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भाजपा की सूची में दल-बदलुओं की रही चांदी, परिवारवाद को मिला बढ़ावा

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लखनऊ , सोमवार, 23 जनवरी 2017 (12:03 IST)
लखनऊ। राजनीति में परिवारवाद की धुर विरोधी रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तरप्रदेश राज्य विधानसभा के चुनाव में बड़े नेताओं के रिश्तेदारों को खूब टिकट दिए हैं। यही नहीं, दूसरे दलों से आए नेताओं को भी सूची में स्थान दिया गया है। 


 
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल ही में परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देने की अपील को दरकिनार करते हुए बड़े नेताओं ने अपने बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को टिकट दिलवाए। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह को नोएडा से टिकट दिया गया है। नोएडा की मौजूदा विधायक विमला बाथम का टिकट काटकर पार्टी ने पंकज सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।
 
भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को कैराना से प्रत्याशी घोषित किया गया है। पूर्व गृह राज्यमंत्री रामलाल राही के पुत्र सुरेश राही हरगांव (सु.) सीट से टिकट पाने में सफल रहे हैं। पार्टी के कद्दावर नेता लालजी टंडन के पुत्र आशुतोष टंडन को लखनऊ पूर्व से प्रत्याशी घोषित किया गया है। पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार की बेटी नीलिमा कटियार को कल्याणपुर सीट से टिकट देकर पार्टी ने परिवारवाद पर अपनी मुहर लगाई है।
 
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़कर भाजपा में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कर्ष मौर्य को ऊंचाहार सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया है। कैसरगंज के सांसद बृजभूषण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण गोंडा विधानसभा क्षेत्र से टिकट पाने में सफल रहे हैं। पार्टी ने राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की बहू प्रेमलता सिंह और पौत्र संदीप सिंह को भी टिकट दे दिया है। 
 
अब तक 2 सूचियों के जरिए घोषित 304 उम्मीदवारों में से कई ऐसे हैं जिन्हें दूसरे दल से आते ही भाजपा ने विधानसभा का टिकट थमा दिया। इनमें समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक रहे कुलदीप सेंगर को बांगरमऊ, बसपा के कद्दावर नेता रहे बृजेश पाठक को लखनऊ मध्य और कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ कैंट से टिकट दिया गया है। 
 
समाजवादी व्यापार सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वेदप्रकाश गुप्ता अयोध्या सीट से टिकट पाने में सफल रहे हैं जबकि कांग्रेस, बसपा और सपा में रह चुके शेरबहादुर सिंह के रिश्तेदार राजेश सिंह को जलालपुर से उम्मीदवार घोषित किया गया है। 
 
वर्ष 2012 में बस्ती के रुधौली सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए संजय जायसवाल इस बार भाजपा से टिकट लेने में सफल रहे। इसके अलावा बिल्हौर, रनियां और लखनऊ उत्तर सीट से भी दल-बदलुओं को टिकट दिया गया है। 
 
अब तक घोषित 304 उम्मीदवारों में से करीब 35 दूसरे दलों से आए लोग उम्मीदवार बनाए गए हैं। इस बारे में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशवप्रसाद मौर्य का कहना है कि जो पार्टी में आ गया, वह बाहरी कैसे रहा? उनका तर्क है कि जब तक वे दूसरे दलों में रहे तभी तक उन्हें बाहरी कहा जा सकता है, लेकिन जब भाजपा में शामिल हो गए तो बाहरी कैसे हुए? 
 
उन्होंने पार्टी में परिवारवाद को बढ़ावा दिए जाने संबंधी आरोपों को भी खारिज किया। उनका कहना था कि चुनाव जीतना जरूरी है इसलिए जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवारों को ही खड़ा किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ही एकमात्र पार्टी है, जो अपने सिद्धांतों पर कायम है। (वार्ता)

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