हैदराबाद। AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी का गढ़ माने जाने वाले ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव (GHMC Election) में भाजपा (BJP) ने भगवा परचम लहराकर राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया है। पोस्टल बैलट की शुरुआती गिनती में ही भाजपा ने अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। पिछले चुनाव में महज 4 सीटें जीतने वाली भाजपा ने इस बार 46 सीटें जीत लीं।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव 150 सीटें हैं। इस बार कोई भी बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया। राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस 56 सीटों पर सिमट गई, जिसने पिछले चुनाव में 99 सीटें जीती थीं।
पिछली बार 44 सीटें जीतने वाली ओवैसी की पार्टी AIMIM को भी एक सीट का नुकसान उठाना पड़ा। AIMIM भाजपा के बाद तीसरे स्थान पर रही है। भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर भाजपा की यह सफलता काफी मायने रखती है।
टीआरएस के विकल्प के रूप में उभरी भाजपा : भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने जीएचएमसी चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को नैतिक जीत बताते हुए शुक्रवार को कहा कि भगवा पार्टी तेलंगाना में टीआरएस के एकमात्र विकल्प के रूप में उभरी है।
भूपेंद्र ने कहा कि भाजपा के प्रदर्शन ने इस बात की पुष्टि की है कि वह टीआरएस को मुख्य चुनौती देने वाली पार्टी के तौर पर कांग्रेस की जगह ले रही है। भगवा पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 4 सीटें जीती थीं और फिर डुब्बका विधानसभा उपचुनाव में उसने सत्तारूढ़ दल को शिकस्त दी थी।
हैदराबाद में स्थानीय चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए भूपेंद्र ने कहा कि परिणाम बहुत ही उत्साहवर्द्धक हैं, भाजपा का मनोबल बढ़ाने वाले हैं तथा एक तरह से यह पार्टी के लिए नैतिक जीत है। चुनाव परिणाम से यह प्रदर्शित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और सुशासन के उनके मॉडल की सभी क्षेत्रों में स्वीकार्यता है।
यह पूछे जाने पर कि 2022 में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में वह स्थानीय चुनाव परिणाम को किस तरह से देखते हैं, उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस की एकमात्र विकल्प और उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है।
भाजपा ने अपने एक मुख्य चुनाव प्रबंधक, भूपेंद्र, को नियुक्त कर इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। भाजपा की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी चुनाव प्रचार किया था।