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बर्फीले तूफान से डेढ़ सौ मकानों की छतें उड़ गईं

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, गुरुवार, 8 जनवरी 2015 (22:54 IST)
- ललित भट्‌ट
देहरादून। राज्य के हिमालयीय क्षेत्र से लगे तीन जिलों उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के सीमान्त क्षेत्रों में बर्फीले तूफान ने गुरुवार को सुबह से लोगों में दहशत भर दी। चमोली जिले के जोशीमठ से लगे दशौली विकासखण्ड के निजमुला घाटी के डेढ़ सौ मकानों की छतें इस तूफान में उड़ गई।
पांच जनवरी को राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण ने प्रदेश सरकार को इस तूफान के अंदेशे से अलर्ट कराया था लेकिन तीन दिन बाद आज सुबह जब यह तूफान इन सीमान्त क्षेत्रों में दहशत का कारण बना तो जिला प्रशासन के पास लोगों के हालचाल जानने का तक कोई माध्यम नहीं बचा। 
 
कई जगह मोबाइल नेटवर्क भी तूफान की चपेट में ध्वस्त हो गया। इस कारण पटवारी एवं आपदा प्रबंधन की टीमें भी जानकारी जुटाने में असफल रही है। किसी तरह दिन तक कुछ छुटपुट सूचनाएं सम्बन्धित जिला मुख्यालयों को आनी शुरू हुई, जिसके बाद जिला प्रशासन ने स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स के लोगों को क्षेत्रों को ओर रवाना किया। 
 
बर्फीले तूफान से प्रभावित अधिकांश क्षेत्र पैदल मार्गो पर सड़क से काफी दूर होने के कारण रात तक भी सभी गांवों में प्रशासनिक टीमें नहीं पहुंच सकी। जिला प्रशासन ने बर्फीले तूफान ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों से सावधानी बरतने और सजग रहने की अपील की है। राज्य मुख्यालय में मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से वार्ता कर इस मामले में कड़ी चौकसी बरतने को कहा है। 
 
चमोली जिले के जोशीमठ से लगे दशौली विकासखण्ड के निजमुला घाटी के डेढ़ सौ मकानों की छतें इस तूफान में उड़ गई। इन मकानों में रहने वाले लोग शरण के लिए दर-दर भटकने को विवश हैं। उत्तरकाशी के भटवाणी विकासखण्ड के तमाम गांवों में भी इस तूफान ने तबाही मचाई है। कई प्राथमिक विद्यालयों की छतें उड़ गई हैं तो कई मवेशियों के रहने के लिए बनाई छानिया भी तूफान की चपेट में आने से मवेशी भी संकट में पड़ गए हैं। 

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