मुंबई। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव के खंडित नतीजे आने के 3 दिन बाद राजनीतिक गतिरोध रविवार को भी बरकरार रहा। दरअसल, शिवसेना और भाजपा में से कोई भी गठबंधन के लिए पेशकदमी नहीं कर रहा है। ऐसी अटकलें थीं कि शिवसेना, कांग्रेस का समर्थन ले सकती है लेकिन शनिवार को कांग्रेस ने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी का समर्थन करने का कोई सवाल ही नहीं है।
आरएसएस विचारक एमजी वैद्य ने रविवार को सुझाव दिया कि राज्य में गठबंधन सरकार चलाने वाली भाजपा और शिवसेना को ढाई-ढाई साल के लिए मेयर पद रखना चाहिए। वैद्य ने कहा कि बीएमसी में सबसे बड़ा दल होने के नाते शिवसेना को मेयर का पद पहले मिलना चाहिए।
इस बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी सभी नगर निगमों और जिला परिषदों में कांग्रेस से हाथ मिलाएगी। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने इस बात से पहले ही इंकार कर दिया है कि भाजपा बीएमसी में कांग्रेस की मदद मांग रही है।
बीएमसी में कुल 227 सीटें हैं। इसके लिए 21 फरवरी को हुए चुनाव में शिवसेना को 84, भाजपा को 82 जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं, वहीं सरकार बनाने के लिए 114 सीट चाहिए और इसके लिए सभी की नजरें कांग्रेस पर हैं। (भाषा)