Pune Car Accident Case : फिर चर्चा में पुणे पोर्श एक्सीडेंट कांड, नाबालिग आरोपी को बॉम्बे HC ने दी जमानत, हिरासत को बताया गैरकानूनी
बाल सुधार गृह में था आरोपी
- मां से बदले गए थे ब्लड सेंपल
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पुलिस ने फिर से किया था गिरफ्तार
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निबंध लिखने की दी थी सजा
Pune Car Accident Case: पुणे पोर्श एक्सीडेंट कांड में बड़ा फैसला आया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी कि यह गैर कानूनी है। आरोपी को 22 मई को बाल सुधार गृह भेजा गया था। अदालत ने नाबालिग आरोपी के ऑब्जर्वेशन होम भेजने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले को रद्द कर दिया। जजों ने आरोपी की मौसी की तरफ से दाखिल याचिका को स्वीकार किया और उसे रिहा कर दिया।
आरोपी नाबलिग को हादसे के 15 घंटे के बाद ही जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने निबंध लिखने की शर्त पर जमानत दे दी थी। जब बोर्ड के फैसले पर विवाद हुआ, तब उसे दोबारा हिरासत में लिया गया। इस केस में नाबालिग लड़के पिता विशाल अग्रवाल और मां शिवानी भी जेल में हैं।
18-19 मई की रात को नाबालिग ने पुणे के कल्याणी नगर इलाके में आईटी सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को पोर्श कार से टक्कर मार दी थी, इससे दोनों की मौत हो गई। घटना के समय आरोपी नशे में धुत था। दोस्तों ने पुलिस को बताया कि हादसे के वक्त नाबालिग नशे में धुत था और वह 200 किमी प्रति घंटे की स्पीड से गाड़ी चला रहा था।
निबंध लिखने के बाद जमानत : घटना के बाद आरोपी नाबालिग को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया, फिर उन्हें पुलिस अपने साथ ले गई। वारदात की जानकारी के बाद एनसीपी विधायक भी थाने पहुंचे। उन पर आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप भी लगा। अगले दिन सुबह नाबालिग को जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया गया, जहां निबंध लिखने की शर्त पर उसे जमानत दे दी गई।
मां के खून से बदले गए सेंपल : नाबालिग के ब्लड सैंपल भी उसकी मां के खून से बदले गए थे। इसके एवज में डॉक्टरों को तीन लाख रुपये की रिश्वत दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने नाबालिग के मां-बाप, सैंपल बदलने वाले डॉक्टर, शराब परोसने वाले बार के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन लिया। इनपुट एजेंसियां