लखनऊ। भाजपा के पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह द्वारा बसपा मुखिया मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी किए जाने के विरोध में बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में प्रदर्शन किया। इस दौरान बेहद तल्ख और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल भी किया गया।
बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित आम्बेडकर प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और सिंह को दलित एक्ट के तहत गिरफ्तार करने की जोरदार तरीके से मांग की। इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे बसपा कारकुनों ने बेहद तल्ख और आपत्तिजनक भाषा वाले नारे लिखे बैनर और पोस्टर लहराए।
कार्यकर्ताओं ने सिंह का पुतला जलाते वक्त उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए उनके तथा उनके परिवार के प्रति बेहद आपत्तिजनक शब्दोंभरी नारेबाजी की। पुतला जलाने के दौरान एक कार्यकर्ता की कमीज में आग लग गई लेकिन समय रहते उसे बुझा दिया गया।
प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि दयाशंकर सिंह ने बसपा मुखिया मायावती के प्रति निहायत आपत्तिजनक टिप्पणी कर सामंतवादी सोच का परिचय दिया है और अपनी पार्टी की जहानियत को जाहिर किया है। बसपा इसका करारा जवाब देगी।
मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता लखनऊ पहुंचे थे। उनके आने का सिलसिला बुधवार रात से ही शुरू हो गया था। जिला प्रशासन ने प्रदर्शन के दौरान यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए थे।
दयाशंकर सिंह ने मऊ में संवाददाताओं से बातचीत में बसपा अध्यक्ष मायावती पर अभद्र टिप्पणी करते हुए उन पर ज्यादा से ज्यादा धन देने वालों को पार्टी का चुनाव टिकट बेचने का आरोप लगाया था। हालांकि मामला तूल पकड़ने पर सिंह ने माफी भी मांग ली थी। बहरहाल उन्हें पार्टी उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और देर रात उन्हें भाजपा से 6 साल के लिए निकाल दिया गया था।
इस बीच बसपा ने पार्टी मुखिया मायावती के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के खिलाफ बुधवार देर रात राजधानी की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया।
बसपा नेता मेवालाल गौतम की तरफ से दर्ज प्राथमिकी में सिंह के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम तथा भारतीय दंड सहिता की धाराएं लगाई गई हैं। (भाषा)