लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ राज्य के विभिन्न जिलों में हुई हिंसा में ‘बाहरी तत्वों’ का हाथ होने का दावा करते हुए रविवार को कहा कि इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल के कट्टरपंथी संगठन पीएफआई और सिमी से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने रविवार को कहा कि हिंसा में शामिल लोग प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के हैं। हिंसा के मामले में इस संगठन से जुड़े 6 लोगों को पश्चिम बंगाल के मालदा से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को स्थिति बिगड़ने का जिम्मेदार करार दिया।
नए नागरिकता कानून के खिलाफ गत शुक्रवार को कानुपर में हुई हिंसा में एक और व्यक्ति की मौत के साथ राज्य में हिंसक वारदात में मरने वालों की संख्या 17 हो गई है। हालांकि रविवार को प्रदेश में शांति रही। प्रभावित जिलों में इंटरनेट सेवा अब भी बंद है।
कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि कानपुर के बाबूपुरवा में हुई हिंसा में गम्भीर रूप से जख्मी हुए मोहम्मद रईस (30) की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गए। उन्होंने यह भी बताया कि हिंसा के पीछे एआईएमआईएम और सिमी के कार्यकर्ताओं की भूमिका संदिग्ध है।
कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश ने बताया कि हिंसा में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की आशंका को भी मद्देनजर रखकर जांच की जा रही है।
इस बीच, सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक सम्पत्ति को हुए नुकसान की भरपाई बलवाइयों की सम्पत्ति से करने की दिशा में कदम उठाते हुए लखनऊ जिला प्रशासन ने नुकसान के आकलन के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है।
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि हिंसा में हुए नुकसान का पता लगाने के लिए अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।