चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और पूर्व अभिनेत्री जे. जयललिता के निधन के बाद चेन्नई में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। सुबह से ही शहर की सड़कें वीरान रहीं। चाय की दुकानें और भोजनालय बंद रहे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी बंद रहा। इसके चलते जयललिता के अंतिम दर्शनों के लिए जाने वाले लोगों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि जयललिता की पार्थिव देह को राजाजी हॉल में रखा गया है तथा उनका अंतिम संस्कार मरीना बीच पर एमजी रामचंद्रन की समाधि के निकट ही किया जाएगा। हमारे चेन्नई कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक ज्यादातर इलाकों में सन्नाटा था। लोग एक कप चाय के लिए भी तरस गए। कुछ जगहों पर चाय बेचने वालों को घूम घूमकर चाय बेचते देखा गया। ऑटोरिक्शा सहित सार्वजनिक परिवहन सेवा सड़कों से नदारद रहीं। कुछ निजी वाहन जरूर सड़कों पर दिखाई दिए। सोमवार शाम से चेन्नई के साथ ही राज्य के अन्य कई हिस्सों में बंद जैसी स्थिति है।
उपनगरीय ट्रेन सेवाओं का परिचालन शहर में जारी है, लेकिन उनमें यात्रियों की संख्या तुलनात्मक रूप से काफी कम थी। अपनी दिवंगत नेता के सम्मान में राज्य सरकार ने अपने सभी दफ्तरों में अवकाश की घोषणा की है। शैक्षणिक संस्थानों में तीन दिन के अवकाश की घोषणा की गई है। तमिल फिल्म उद्योग ने आज शूटिंग के सभी कार्यक्रम रद्द करने का ऐलान किया है। सिनेमाघरों में भी शो रद्द कर दिए गए हैं।
इस स्वप्रेरित बंद के चलते जो लोग दिवंगत जयललिता के अंतिम दर्शनों को जाना चाहते थे या फिर उनकी अंत्येष्टि में शामिल होना चाहते थे, उन्हें पब्लिक वाहन न मिलने से काफी परेशान हुई। जैसे तैसे लोग अपनी नेता का अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे। दूसरी ओर राजाजी हॉल के आसपास जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर किसी का यही प्रयास था कि वह जयललिता के दर्शन करे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, दक्षिण के सुपर स्टार रजनीकांत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान समेत कई दिग्गज हस्तियां जयललिता को श्रद्धासुमन अर्पित करते लिए चेन्नई पहुंचे।
एक दृश्य यह भी था : जहां जयललिता की पार्थिव देह रखी गई थी, उसके आसपास करुण दृश्य भी दिखाई दिए, जहां कई महिलाएं अपनी नेता को याद करते हुए बिलख रही थीं। समर्थक शोक में डूबे हुए थे। कई महिलाओं की स्थिति तो ऐसी थी कि वे रोते-रोते बेहोश हो गईं। जैसे तैसे उन्हें पुलिस के सहयोग से अन्य स्थान पर ले जाया गया। चेन्नई के अलग अलग दृश्य यही बता रहे थे कि जयललिता अपने समर्थकों के बीच कितनी लोकप्रिय थीं।