गाजियाबाद। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पूर्व वरिष्ठ पत्रकार और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य विनोद वर्मा को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी प्रकाश बजाज की धमकी देकर पैसे मांगने संबंधी शिकायत के आधार पर की गई है।
छत्तीसगढ़ पुलिस विनोद वर्मा खिलाफ धारा 384 (रंगदारी वसूलने) और धारा 506 (जान से मारने की धमकी) में केस दर्ज किया है। उनके घर से पुलिस ने 500 सीडी बरामद की हैं।
रायपुर क्राइम ब्रांच के टीआई और उनकी टीम सुबह 4 बजे विनोद वर्मा को इंदिरापुरम थाने लेकर पहुंचे थे। इसके बाद से ही उनसे पूछताछ की जा रही है।
वर्मा पर छत्तीसगढ के एक नेता को कथित रुप से धमकाने का आरोप है। उन्हें दोपहर में स्थानीय अदालत में ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किए जाने की उम्मीद है। दूसरी ओर, वर्मा की गिरफ्तारी को प्रेस की आजादी पर हमला बताते हुए पत्रकार संगठनों और विपक्षी दलों ने निंदा की है।
पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पत्रकार की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। उन्होंने कहा कि किसी के पास सीडी मिलना अपराध नहीं है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एच एन सिंह ने कहा, 'पत्रकार के घर से बड़ी संख्या में सीडी बरामद की गई हैं। हम उस सामग्री की छानबीन कर रहे हैं, ताकि पता लगाया जा सके की इनका संबंध उच्च वर्ग के लोगों से जुड़े किसी सेक्स घोटाले से है या नहीं।'
रायपुर जिले के पुलिस अधीक्षक संजीव शुक्ला ने बताया कि प्रकाश बजाज नामक व्यक्ति ने रायपुर के पंडरी पुलिस स्टेशन में एक अज्ञात कॉलर द्वारा फोन पर परेशान किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।
फोन करने वाले व्यक्ति ने उसे कहा था कि उसके पास उसके आका की एक सीडी है। शुक्ला ने बताया कि फोन करने वाले ने उसे धमकी दी थी कि उसकी मांग पूरी न होने पर वह सीडी बांट देगा।
शुक्ला ने कहा, 'जांच के दौरान, पुलिस को उस दुकान का पता चला जहां से इस सीडी को कॉपी कराया गया था। दुकानदार ने बताया कि विनोद वर्मा नामक व्यक्ति ने सीडी की एक हजार कॉपी तैयार कराई थी।'
अधिकारी के अनुसार मामले में विनोद की संलिप्तता का पता चलने के बाद पुलिस ने गाजियाबाद में अपने समकक्ष से संपर्क कर पत्रकार को उसके घर से गिरफ्तार किया और वहां से सीडी तथा अन्य सामग्री जब्त की। पुलिस ने बताया कि विनोद वर्मा पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।