कोलकाता। कोलकाता में चीन के वाणिज्य दूत झा लियू ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात की तुलना में चीनी निवेश कम है। लियू ने शुक्रवार को कहा कि वह राज्य में चीनी निवेश बढ़ाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां कंपनियां उत्पादन बढ़ाना चाहती हैं लेकिन अपने वीजा की अवधि नहीं बढ़ा पातीं।
बहरहाल उन्होंने कहा कि चीन की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन उपकरण निर्माण कंपनी 'डोंगफैंग इलेक्ट्रिक' ने कोलकाता के बाहरी इलाके न्यूटाउन क्षेत्र में अपना कार्यालय स्थापित किया है जबकि एक अन्य इकाई, 'न्यू होप' और ऑटोमोटिव कंपनी 'एसएआईसी' भी यहां मौजूद हैं।
लियू ने 'भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स' द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मुंबई, दिल्ली या गुजरात की तुलना में पश्चिम बंगाल में चीनी निवेश बहुत कम है। यहां कंपनियां उत्पादन बढ़ाना चाहती हैं लेकिन अपने वीजा की अवधि नहीं बढ़ा पातीं इसलिए मैं इस तरह की और चर्चाएं करना चाहता हूं।
उल्लेखनीय है कि भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार ने 2021 में 125 अरब डॉलर से अधिक के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुआ और यह ऐसे समय में हुआ, जब पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच लंबे समय से जारी गतिरोध के कारण दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था।
भारत में बढ़ते चीनी आयात की पृष्ठभूमि में पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्तमंत्री अमित मित्रा ने पड़ोसी देश के साथ व्यापार पर केंद्र की निर्भरता को लेकर गुरुवार को कटाक्ष किया था। वर्तमान में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रधान मुख्य सलाहकार मित्रा ने पूर्वानुमान जताया कि चीन से आयात पर भारत की निर्भरता 2014 की तुलना में दोगुनी हो जाएगी।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta