देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास के लिए प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग के लिए देवभूमि उत्तराखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को जून, 2022 के आगे बनाए रखने, उत्तराखंड में राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित किए जाने, कुमांऊ मंडल के पौराणिक मंदिरों को जोड़े जाने के उद्देश्य से 'मानस खंड मंदिर माला मिशन' को स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के शीघ्र एवं सुचारु संचालन के लिए संबंधित को निर्देशित किए जाने के साथ ही टीएचडीसी इंडिया लि. की इक्विटी शेयरधारिता में उत्तरप्रदेश के 25 प्रतिशत अंशधारिता को उत्तराखंड राज्य को स्थानांतरित करने में केंद्र से सहयोग का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य, देश के फार्मास्युटिकल हब के रूप में उभर रहा है। भारत में कुल उपभोग होने वाली दवाओं में उत्तराखंड राज्य में स्थापित औषधि निर्माण इकाइयों की लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। राज्य में स्थापित 3 प्रमुख औद्योगिक संकुलों यथा- देहरादून, हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर में 300 से अधिक फार्मास्युटिकल निर्माण इकाइयां स्थापित हैं, जो 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित किए जाने का अनुरोध किया। इससे राज्य में फार्मास्युटिकल शोध को बढावा मिलेगा। उक्त संस्थान की स्थापना हेतु वांछित भूमि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में एयरस्ट्रिप से फिक्स्ड विंग (वायुयान) हवाई सेवा संचालित किए जाने हेतु निविदा की कार्रवाई पूर्ण की जा चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के शीघ्र एवं सुचारु संचालन के लिए संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने पर राज्यों को राजस्व सुरक्षा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से 5 वर्षों यथा 30 जून 2022 तक की अवधि के लिए जीएसटी की क्षतिपूर्ति की व्यवस्था की गई थी, परंतु संरचनात्मक परिवर्तन, न्यून उपभोग आधार, राज्य में सेवा का अपर्याप्त आधार सहित अन्य कारणों से जीएसटी लागू होने के उपरांत राज्य के राजस्व में अपेक्षित वृद्धि दर्ज नहीं की जा सकी है। मुख्यमंत्री ने राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों को देखते हुए जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि जून, 2022 के पश्चात अग्रेत्तर वर्षों के लिए बढ़ाए जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्रीजी के मार्गदर्शन में केदारनाथ एवं बद्रीनाथ को मास्टर प्लान तैयार कर विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसी भांति प्रदेश के कुमाऊं मंडल के पौराणिक मंदिरों को जोड़े जाने के उद्देश्य से 'मानस खंड मंदिर माला मिशन' की स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लि. भारत सरकार की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी एवं उत्तरप्रदेश सरकार की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का संयुक्त उपक्रम है। उत्तरप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 की धारा 47 (3) के अनुसार उत्तरप्रदेश द्वारा विभाजन की तिथि तक टीएचडीसी इंडिया लि. में किए गए पूंजीगत निवेश के आधार पर उत्तराखंड राज्य को हस्तांतरित होना चाहिए, क्योंकि टीएचडीसी इंडिया लि. का मुख्यालय उत्तराखंड राज्य में स्थित है।
टीएचडीसी इंडिया लि. की लगभग 70 प्रतिशत परियोजनाएं उत्तराखंड राज्य में ही स्थित हैं। उक्त परियोजनाओं से उत्पन्न होने वाली पुनर्वास, कानून व्यवस्था तथा अन्य सामाजिक एवं पर्यावरण संबंधी चुनौतियों का सामना भी उत्तराखंड राज्य को करना पड़ता है।
उत्तराखंड राज्य द्वारा वर्ष 2.12 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद-131 के अंतर्गत टीएचडीसी इंडिया लि. में उत्तरप्रदेश के स्थान पर उत्तराखंड राज्य की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी हेतु मूल वाद संख्या 05/ 2012 मा. सर्वोच्च न्यायालय में योजित किया गया था, जो सम्प्रति विचाराधीन है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से टीएचडीसी इंडिया लि की इक्विटी शेयरधारिता में उत्तरप्रदेश के 25 प्रतिशत अंशधारिता को उत्तराखंड राज्य को स्थानांतरित करने में केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन से स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, ऊर्जा इत्यादि क्षेत्रों में चहुंमुखी विकास कर रहा है। उनकी अपेक्षा अनुसार वर्ष 2025 में राज्य के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में से एक होगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड के लोहाघाट के समीप स्थित मायावती आश्रम आने के लिए भी अनुरोध किया।