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पश्चिम बंगाल के धुलागढ़ में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा, भाजपा ने भेजा प्रतिनिधिमंडल

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, शुक्रवार, 23 दिसंबर 2016 (14:21 IST)
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं पर लगातार अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। बंगाल के ऐसे इलाके जहां मुस्लिम बहुलता में हैं वहां हिन्दुओं पर हमले किये जा रहे हैं जिसके चलते हिन्दू पलायन को मजबूर है। मालदा के बाद अब धुलागढ़ चर्चा में हैं।
पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में स्थित इलाके धूलागढ़ में हिन्दुओं की दुकानों और घरों में आग लगा दी गई और स्त्रियों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया लेकिन राज्य सरकार ने इसकी सुध नहीं ली। इसी के चलते अब भारतीय जनता पार्टी के तीन सांसदों का दल धूलागढ़ जाएगा।
 
भाजपा ने उसके समर्थकों एवं एक विशेष समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाए जाने का दावा करते हुए शुक्रवार को कहा कि उसके तीन सांसदों का प्रतिनिधिमंडल हिंसा के मामलों की जांच पड़ताल के लिए पश्चिम बंगाल के धूलागढ़ का दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा सदस्य एवं मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह, लोकसभा सदस्य जगदम्बिका पाल और पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली शामिल हैं।
 
पार्टी नेताओं ने कहा कि पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष प्रतिनिधमंडल के राज्य में पहुंचने के बाद उसमें शामिल होंगे। भाजपा ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अल्पसंख्यक शाखा ने भगवा दल को समर्थन देने के कारण हावड़ा जिले के इलाके में हिंदुओं को निशाना बनाया।
 
भाजपा का आरोप है कि ममता बनर्जी की सरकार राज्य में सांप्रदायिक झड़पों पर काबू पाने में नाकाम रही है। साल के शुरू में मालदा में कालियाचक में जो कुछ हुआ उसके लिए भी वे ममता की नाकामी को ज़िम्मेदार ठहराते हैं। ममता के राज में कट्टरपंथियों, माओवादियों और आतंकआदियों को संवरक्षण मिल रहा है।
 
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने वहां कानून एवं न्याय व्यवस्था के बारे में पुलिस महानिदेशक सुरजीत कार पुरकायस्थ से कल जानकारी ली। राज्यपाल के कार्यालय से मिली सूचना के अनुसार पुरकायस्थ ने मामले के बारे में त्रिपाठी को जानकारी दी। राजभवन ने कल जारी एक बयान में कहा, 'राज्यपाल ने डीजीपी से इलाके में शांति एवं कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा।'
 
धुलागढ़ में पीड़ित पक्ष का आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने 100 से ज्यादा मकान और दुकान आग के हवाले कर दिया। हिंदू संगठनों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जांच की मांग की है। धुलागढ़ के बनर्जी पाड़ा, दावनघाटा, नाथपाड़ा में दूसरे समुदाय के मकानों और दुकानों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। हिंसा के दौरान अराजक तत्वों ने जमकर बमबारी की। उपद्रवियों की भीड़ ने दुकानों के साथ-साथ कई घरों में भी लूटपाट की। कई घरों और दुकानों को आग के हवाले भी कर दिया। हिंसक वारदात में 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद सैंकड़ों लोग पलायन कर गए। इससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। पीड़ितों का आरोप है कि उपद्रवियों ने देसी बम से भी घरों और दुकानों पर हमला किया लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
 
धूलागढ़ में पिछले सप्ताह एक 13 तारीख को ईद-उल-नबी की जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच कथित संघर्ष के बाद तनाव पैदा हो गया था। हावड़ा आयुक्तालय में एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जब समूहों ने एक दूसरे पर बम फेंके तो पुलिस को हालात काबू में करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। ताज़ा हाल ये है कि पलायन कर गए हिन्दू अब अपने घरों में लौटने से डर रहे हैं।


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