अमृतसर। पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के आवास पर पार्टी के करीब 60 विधायक बुधवार को उनसे मिलने पहुंचे, जिसे राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ चले रहे उनके विवाद के बीच पंजाब में पार्टी पर अपनी पकड़ दिखाने का सिद्धू का एक पैंतरा माना जा रहा है।
सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच पिछले काफी समय से विवाद जारी है। अमृतसर (पूर्व) के विधायक ने हाल ही में बेअदबी के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री को कई बार निशाना बनाया है। मुख्यमंत्री राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति के भी खिलाफ थे। सिंह ने यह भी कहा था कि जब तक सिद्धू उनके खिलाफ की गईं अपमानजनक टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते, मुख्यमंत्री उनसे नहीं मिलेंगे।
सिद्धू के साथ पार्टी के विधायक बुधवार को लग्जरी बसों में स्वर्ण मंदिर के दर्शन करने पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थक मौजूद थे। सिद्धू और विधायकों का यहां दुर्गियाना मंदिर और राम तीरथ स्थल का भी दौरा करने का कार्यक्रम है।
पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यहां पहुंचने पर मंगलवार को सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सिद्धू समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था। 2017 विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, पूर्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी बुधवार को यहां पहुंचे। पार्टी कार्यकर्ताओं ने शहर में कई स्थानों पर सिद्धू के पोस्टर भी लगाए हैं। पार्टी के कुछ विधायकों और समर्थकों ने दावा किया कि सिद्धू द्वारा स्वर्ण मंदिर और अन्य मंदिरों में दर्शन करने के लिए अमृतसर पहुंचने के लिए कहे जाने के बाद करीब 60 विधायक यहां पहुंचे।
विधायक मदन लाल जलालपुर ने कहा, सिद्धू के दम पर 2022 चुनाव में भी कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। आज, पूरा पंजाब उनके साथ है। सिद्धू की तरक्की के बाद पार्टी में काफी उत्साह है। उनके वोट यकीनन बढ़ेंगे। सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच मतभेद पर जलालपुर ने कहा, मुख्यमंत्री दिल से सिद्धू का स्वागत करेंगे।
मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ बयानबाजी करने वाले प्रताप सिंह बाजवा से भी मुलाकात की थी। हालांकि अमरिंदर सिंह के सलाहकार उन्हें सही मार्ग नहीं दिखा रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने मंगलवार को उन खबरों को खारिज कर दिया था कि सिद्धू ने उनसे मुलाकात के लिए समय मांगा है।
मीडिया सलाहकार ने कहा था कि जब तक सिद्धू सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ की गईं अपमानजनक टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते, मुख्यमंत्री उनसे नहीं मिलेंगे। जलालपुर ने इस पर कहा, वह माफी क्यों मांगें। यह सही है कि उन्हें उनका सम्मान करना चाहिए और वह मुख्यमंत्री का सम्मान करते भी हैं, लेकिन वह माफी क्यों मांगें।(भाषा)