छतरपुर। पुलिस ने एक चौंकाने वाले मामले का खुलासा किया है। इस मामले में एक ड्राइवर ने खुद के ही मरने की साजिश रची और व्यापारी के 6 लाख 66 हजार रुपए लेकर गायब हो गया। परिवार ने भी एक अज्ञात लाश की पहचान करते हुए उसका साथ दे दिया। अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उससे 5 लाख रुपए की राशि जब्त की है।
ये है मामला : प्राप्त जानकारी के मुताबिक 16 जुलाई 2021 को छतरपुर के लोहा व्यापारी सुधीर अग्रवाल के मैनेजर पुष्पेन्द्र मिश्रा ने बमीठा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके द्वारा छतरपुर के अनुराग रोड लाइंस के ड्राइवर सुनील नामदेव के द्वारा 6 लाख 66 हजार 500 रुपए का सरिया राजनगर के व्यापारी रामप्रताप अवस्थी को भेजा गया था।
ड्राइवर सुनील नामदेव मूलत: ग्राम पनागर का रहने वाला है जिसने सरिया राजनगर में उतारकर व्यापारी से 6 लाख 66 हजार 500 रुपए लिए और फिर पिकअप को गंज के समीप एक वेयर हाउस के पास खड़ी कर गायब हो गया।
घटना के कुछ दिनों बाद 24.7.2021 को राजनगर थाना क्षेत्र के कोड़ा हार में पुलिस को एक अज्ञात लाश बरामद हुई थी। जब पुलिस ने इस लाश की पड़ताल शुरू की तो ड्राइवर सुनील नामदेव के परिवार ने इस लाश की पहचान सुनील नामदेव के रूप में करते हुए उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
इतना ही नहीं त्रयोदशी कर परिवार के लोगों ने मुंडन भी कराया। 3.5.2022 को जब व्यापारी सुधीर अग्रवाल गंज के समीप स्थित बागेश्वर धाम मंदिर में दर्शन करने जा रहे थे, तभी गढ़ा तिराहे पर गायब सुनील नामदेव नजर आ गया। सुधीर अग्रवाल ने उसे रोककर उससे अपने पैसे मांगे एवं पूछा कि वह कहां गायब हो गया था तो उसने उल्टा धमकाना शुरू कर दिया।
सुनील नामदेव ने कहा कि वह पुलिस की फाइलों में मर चुका है, यदि उसे परेशान किया तो वह व्यापारी को भी जान से मार देगा। इसके एवज में उसने उल्टे व्यापारी से ही 5 लाख रुपए की मांग कर डाली। सुधीर अग्रवाल ने इस मामले में बमीठा थाने पहुंचकर न सिर्फ रिपोर्ट दर्ज कराई बल्कि शातिर सुनील नामदेव के बारे में पुलिस को सूचित भी किया।
इस सूचना के बाद जब पुलिस ने घेराबंदी कर सुनील नामदेव को गिरफ्तार किया तो उसने पूरी साजिश का खुलासा कर दिया। पुलिस ने उसके पास से 5 लाख रुपए की राशि भी जब्त कर ली है। आरोपी ने ही खुद के मरने की प्लानिंग रची थी।
लाश का डीएनए मिलान नहीं होने पर हुआ संदेह : इस मामले में राजनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत जो अज्ञात लाश प्राप्त हुई थी उसकी शिनाख्त सुनील नामदेव के रूप में परिवार के द्वारा कर दी गई थी। इसके बावजूद पुलिस ने लाश की डीएनए सैंपलिंग कराई थी। जब डीएनए रिपोर्ट सामने आई तो पता लगा कि लाश सुनील नामदेव की नहीं थी।
एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि पुलिस को इस बात पर भी संदेह हो गया, जिसके बाद आरोपी की तलाश की जाने लगी। आरोपी ने बताया कि वह घटना के बाद देश के कई राज्यों में फरारी काटता रहा। पिछले दिनों ही वह वापस लौटा था। फरारी के दौरान वह परिवार से भी संपर्क नहीं कर रहा था। हालांकि पुलिस इस मामले में अब भी इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है कि राजनगर थाना क्षेत्र में मिली लाश किसकी थी।