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धर्मगुरु कालीचरण का फिर विवादित बयान, कहा- इस्लाम और क्रिश्चियन धर्म नहीं, देश का इस्लामीकरण किया जा रहा

हमें फॉलो करें धर्मगुरु कालीचरण का फिर विवादित बयान, कहा- इस्लाम और क्रिश्चियन धर्म नहीं, देश का इस्लामीकरण किया जा रहा
, सोमवार, 2 मई 2022 (11:39 IST)
धर्मगुरु कालीचरण एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अलीगढ़ के संत समागम में उन्होंने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। कालीचरण ने कहा है कि हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए सभी हिंदुओं को एकजुट हो जाना चाहिए और धर्म के आधार पर वोट करना चाहिए।उन्होंने कहा कि राजनीति से ही हिंदू राष्ट्र की स्थापना संभव है। ईराक, ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के साथ-साथ दुनिया के कई देश अपने हाथ से चले गए और मुस्लिम राष्ट्र बन गए।

अलीगढ़ के अचल ताल स्थित रामलीला मैदान में रविवार को संत समागम सम्मेलन में विवादित धर्मगुरु कालीचरण ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत में केवल सनातन धर्म है, इसके अलावा कोई धर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्लाम और क्रिश्चियन धर्म ही नहीं हैं। देश को इस्लाम की ओर ले जाया जा रहा है।

देश में 5 लाख मंदिरों को तोड़ दिया गया और 800 साल में 80 हजार महिलाओं के साथ रेप हुआ। अगर देश हिंदू राष्ट्र नहीं बना तो ऐसा फिर होगा। राजनीति से घृणा करना छोड़ दो। राजनीति से ही हिंदू राष्ट्र की स्थापना संभव है। ईराक, ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के साथ-साथ दुनिया के कई देश अपने हाथ से चले गए और मुस्लिम राष्ट्र बन गए। यही नहीं कालीचरण ने अलीगढ़ में कई ऐसी बातें कहीं हैं, जो घोर आपत्तिजनक रहीं।

पहले बापू का अपमान और अब हिंदू-मुसलमान
ये वही कालीचरण हैं जिन्होंने दिसंबर महीने में महात्मा गांधी का अपमान किया था। उन्होंने बापू के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था जिसके बाद उनको जेल की हवा खानी पड़ी थी। उन्होंने छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी को गाली देकर संबोधित किया था और अब वो हिंदू-मुसलमान करके देश को बांटने की बात कर रहे हैं। इस तरह के धर्मगुरुओं पर लगाम कौन लगाएगा। समाज को बांटने वाले बयानों को इजाजत कैसे मिल जाती है।

ये कालीचरण हैं कौन?
कालीचरण का असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है और महाराष्ट्र के अकोला के शिवाजी नगर के रहने वाले हैं। छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी को अपशब्द कहने पर चर्चा में आए थे। इसके बाद मध्य प्रदेश के छतरपुर से कालीचरण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। लगभग तीन महीने जेल में रहने के बाद इनको जमानत मिल पाई थी। जेल से छूटने के बाद भी कालीचरण बापू के ऊपर दिए गए बयान पर कायम रहे।

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