राजस्थान में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों में लगातार कमी आ रही है। इस बीच, यह भी बात सामने आई है कि टेस्ट की संख्या घटा दी गई है। हाल में यह मुद्दा मीडिया में भी काफी सुर्खियों में रहा है। राज्य में वैक्सीन की गति भी धीमी पड़ गई है। शुरुआती दौर राजस्थान टीकाकरण के मामले में अव्वल था, लेकिन अब रोज टीकाकरण के मामले में 10वें स्थान पर पहुंच चुका है।
राज्य के नागौर जिले में भी कोविड के मामले घट रहे हैं। 25 मई को यहां 90 नए मामले सामने आए थे, जबकि 23 और 24 मई को क्रमश: 96 और 87 मामले आए थे, लेकिन टीकाकरण की गति यहां भी धीमी है, वहीं कोविड टेस्ट को लेकर भी यहां लोगों में नाराजी है।
जिले में शनिवार और रविवार को कंपलीट लॉकडाउन होता है, लेकिन बाकी दिनों में दूध, सब्जी, किराना आदि खरीदने के लिए कुछ समय की छूट रहती है। हालांकि इस बार सोमवार को भी दुकानें नहीं खुलीं। सब्जी और फलों की दुकानों पर लोग जब इकट्ठे होते हैं तो कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं होता। लॉकडाउन के चलते लोगों को रोजगार की समस्या तो बनी ही हुई है।
जिले के मेड़ता रोड के लादूसिंह चांदावत, कानसिंह और भूराराम ने बताया कि शुरुआती दौर में टीकाकरण अच्छा हुआ है, लेकिन अब समस्या है। टीके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के चलते भी लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। हालांकि अब केन्द्र पर ही रजिस्ट्रेशन होने से थोड़ी राहत है। क्योंकि पिछले दिनों पास के टीकाकरण केन्द्रों में जोधपुर और पाली जिलों के लोग भी आकर टीका लगवाकर गए थे।
जारोड़ा के राजकुमार का कहना है कि जिले में केस कम आने का कारण टेस्टिंग कम होना भी है। लोगों को यह कहकर लौटा दिया जाता है किट उपलब्ध नहीं है। मेड़ता सिटी में भी कई बार जांच नहीं होती। भुणास के रामजीवन का कहना है कि फिलहाल किराना, सब्जी और कृषि यंत्रों की दुकानें ही खिली हुई हैं। अब धीरे-धीरे दूसरी दुकानें भी खुलनी चाहिए ताकि लोगों का रोजगार पटरी पर आ सके। लोग लॉकडाउन पहले ही काफी नुकसान उठा चुके हैं। लोगों को भी चाहिए के वे कोरोना गाइडलाइंस का ईमानदारी से पालन करें।
क्या कहते हैं CMHO : नागौर जिले के सीएमएचओ डॉ. मेहराम माहिया ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि जब केस बढ़े तो हमने 2 मई से 31 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की थी। इससे जिला स्तर पर पेशेंट का दबाव कम हुआ। आज की तारीख में बहुत कम पेशेंट बचे हैं। ज्यादातर लोग रिकवर हो चुके हैं।
जिले जांचें कम होने की बात से इंकार करते हुए डॉ. माहिया ने बताया कि आरटीपीसीआर टेस्ट के अलावा हर ब्लॉक में प्रतिदिन 200 रेपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था की गई है। हालांकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि फिलहाल टीके की कमी है इसलिए टीकाकरण की रफ्तार धीमी हुई है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अब तक 9 लाख 27 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 8 लाख 41 हजार से ज्यादा लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 8 हजार 18 लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है। वहीं, नागौर जिले में 17 हजार से ज्यादा लोक संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 15 हजार से ज्यादा लोग रिकवर हो चुके हैं।