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एक क्रिकेटर ऐसे बन गया सट्टेबाज....

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अवनीश कुमार

, रविवार, 14 मई 2017 (10:42 IST)
लखनऊ। सपना तो उसने भारत के लिए क्रिकेट खेलने का देखा था, लेकिन संघर्षों से हारकर वह सट्टेबाज बन गया। उसे क्रिकेट की हर बारीकियों के बारे में पता था। यह कहानी बयां की है लैंडमार्ग से सट्टेबाजी में पकड़े गए नयन रमेश शाह ने। नयन ने कहा कि जीवन में इतने संघर्ष थे कि संघर्षों को करते-करते मैं हार गया। मैंने सपना भारत के लिए क्रिकेट खेलने का देखा था, लेकिन वह टूट गया। 
 
पूछताछ के दौरान नयन रमेश शाह ने पुलिस को बताया कि वह महाराष्ट्र अंडर-16 अंडर-19 का खिलाड़ी रह चुका है, लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद भी उसका चयन भारतीय टीम के लिए नहीं हुआ तो उसने अपनी खेल संबंधों का इस्तेमाल कहीं और करने का मन बना लिया क्योंकि थक-हार के उसके पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था। उसने बताया कि कड़े संघर्ष के बाद उसे कुछ मिला हो या ना मिला हो, लेकिन क्रिकेट की बारीकियां व पिच के मिजाज के बारे में वह भलीभांति परिचित हो चुका था और उसने इसी ज्ञान का इस्तेमाल कर सट्टेबाजों का साथ देने का मन बना लिया। सबसे पहले बात तो सट्टेबाजों के संपर्क में आया और धीरे-धीरे सट्टेबाजों का हीरो बन उनके बीच उसका एक अलग ही पहचान बन गई जैसे-जैसे समय बढ़ता गया, वैसे-वैसे वह सट्टेबाजों के बहुत ही नजदीक चला गया और वह सट्टेबाजों को टीम के प्रदर्शन व पिच की रिपोर्ट समय-समय पर देने लगा।
 
इन सब कामों को करने के लिए बस एक बार सूचना देने के लिए उसे डेढ़ लाख रुपए मिलते थे। उसने कहा कि पिच तक पहुंचना उसके लिए कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी, क्योंकि खिलाड़ी के तौर पर ज्यादातर लोग उसे जानते हो पहचानते थे। बातों-बातों में पार्क के कर्मचारियों से पिच के मिजाज के बारे में जान लेता था और वक्त रहते इसके साथ क्या करना है, वह भी करके काम को अंजाम दे देता था। इसकी जानकारी पिच क्यूरेटर को भी नहीं लग पाती थी। उसके ऊपर शक जल्दी इसलिए नहीं जाता था क्योंकि वह लंबे समय तक क्रिकेट की दुनिया से जुड़े हुए लोगों में से एक था। उसकी इस प्रतिभा ने उसे सटोरियों का और खास आदमी बना दिया था।

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