अहमदाबाद। कांग्रेस ने गुजरात में मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला तथा उनके विधायक पुत्र महेन्द्र सिंह वाघेला और पांच अन्य समर्थकों समेत कुल आठ विधायकों को आज पार्टी से निलंबित कर दिया तथा इन सभी पर छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के लिए जरूरी कानूनी प्रक्रिया की शुरुआत की जा रही है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने कहा कि सभी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निलंबित किया गया है और अब व्हिप के उल्लंघन तथा अन्य पार्टी विरोधी कदमों के चलते नियमों के अनुरूप उनके छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक के लिए जरूरी कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।
वाघेला और उनके पुत्र के अलावा उनके समर्थकों राघवजी पटेल और भोला गोहिल (जिनके मत चुनाव आयोग ने भाजपा प्रत्याशियों को बैलेट दिखाने के कारण रद्द कर दिए थे), सीके राघवजी, अमित चौधरी और धर्मेंन्द्र सिंह जाडेजा और अप्रत्याशित रूप से क्रॉस वोटिंग करने वाले गैर वाघेला गुट के विधायक करम सिंह पटेल को पार्टी ने छह वर्ष के लिए निलंबित कर दिया। करम सिंह पटेल तो उन 44 कांग्रेस विधायकों में शामिल थे जिन्हे भाजपा के कथित खरीद-फरोख्त के प्रयास के डर से बेंगलुरु ले जाया गया था।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष दोषी ने बताया कि आठों को चुनाव के लिए पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर क्रॉस वोटिंग करने के कारण निलंबित किया गया है। इन्होंने पार्टी प्रत्याशी अहमद पटेल की जगह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए पार्टी के तीसरे प्रत्याशी बलवंत सिंह राजपूत को वोट दिया था।
ज्ञातव्य है कि इससे पहले ही वाघेला के समर्थक माने जाने वाले छह पार्टी विधायक 27 और 28 जुलाई को पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दे चुके हैं, जिनमें से तीन भाजपा में शामिल भी हो चुके हैं। राघवजी पटेल ने भी भाजपा में शामिल होने की बात कही है।
वाघेला ने स्वयं 21 जुलाई को अपने 77वें जन्मदिन पर ही कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी थी, पर तकनीकी रूप से वे अब तक विधायक और पार्टी सदस्य थे। उधर भाजपा के मीडिया संयोजक ने इसे एक मजाक बताते हुए कहा कि निलंबित किए गए वाघेला और उनके समर्थक विधायकों ने पहले ही पार्टी से नाता तोड़ लिया था। (वार्ता)