मुंबई। महाराष्ट्र में दो साल के बाद शुक्रवार को पूरी धूमधाम के साथ दही-हांडी उत्सव मनाया जा रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्ष से इसका आयोजन नहीं हो पाया था। हालांकि मटकी फोड़ प्रतियोगिता के दौरान 24 गोविंदा घायल हो गए।
इस उत्सव के दौरान दही से भरी मटकी को ऊंचाई पर लटकाया जाता है और मानव पिरामिड बनाकर गोविंदा उसे तोड़ते हैं। जन्माष्टमी के मौके पर पूरे महाराष्ट्र में इस खेल का आयोजन किया जाता है। खेल के दौरान प्रतिभागियों के गिरने और घायल होने की घटनाएं आम बात हैं। गोविंदाओं के समूहों को शहरों में घूमते और दही हांडी तोड़ने व पुरस्कार जीतने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करते देखा गया।
कम से कम 24 गोविंदा घायल : बीएमसी के मुताबिक अपराह्न 3 बजे तक मुंबई में दही हांडी खेल में शामिल 24 सदस्य घायल हो गए। उनमें से 19 को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। 5 गोविंदा को अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनकी हालत स्थिर है। घायलों में से 9 का इलाज केईएम अस्पताल, 5 का नायर अस्पताल और 4 का पोद्दार अस्पताल में उपचार हुआ।
साहसिक खेल का दर्जा : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में घोषणा की थी कि उनकी सरकार ने लोकप्रिय उत्सव दही हांडी को साहसिक खेल का दर्जा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों या उनके परिवारों को मानव पिरामिड बनाने के दौरान किसी खिलाड़ी के हताहत होने की स्थिति में मुआवजा दिया जाएगा।
सरकार के एक आदेश में सभी सरकारी, निगम और जिला परिषद अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को इन आयोजनों के दौरान घायल हुए प्रतिभागियों को मुफ्त इलाज प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी कि इस साल दही-हांडी और गणेश चतुर्थी सहित धार्मिक त्योहारों को मनाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि यदि मानव पिरामिड बनाने के दौरान किसी प्रतिभागी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसी खिलाड़ी के गंभीर रूप से घायल हो जाने पर 7 लाख रुपए तथा मामूली रूप से घायल होने पर 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। (भाषा)