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दार्जिलिंग में हिंसा जारी, 12 हजार से अधिक पर्यटक फंसे

हमें फॉलो करें दार्जिलिंग में हिंसा जारी, 12 हजार से अधिक पर्यटक फंसे
, शुक्रवार, 9 जून 2017 (21:59 IST)
दार्जिलिंग-सिलिगुड़ी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में विमल गुरुंग के नेतृत्व वाले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के 12 घंटों के बंद के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए आपात बैठक बुलाई। हिंसा के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक यहां फंसे हुए हैं। पर्यटक भारी रकम चुका कर दार्जिलिंग से सिलिगुड़ी की और जा रहे हैं। कल शाम तक यहां 12 हजार से अधिक पर्यटक फंसे हुए थे। 
       
सुश्री बनर्जी आज सुबह मॉल के पास भी गईं, जहां कल जीजेएम के कार्यकर्ताओं और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में कम से कम 50 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और लगभग 15 वाहनों एवं एक ट्रैफिक पोस्ट को आग के हवाले कर दिया गया। 
       
मुख्यमंत्री ने कहा, यह बंद अवैध है और जो व्यक्ति ड्यूटी से अनुपस्थित रहेगा, उसका वेतन काटा जाएगा। हम किसी भी किस्म की तोड़-फोड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमें मालूम हैं कि इस पूरी हिंसा के लिए केवल चार-पांच लोग जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमने बहुत सहन कर लिया है और अब सरकारी एवं सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का समय आ गया है। 
       
सुश्री बनर्जी ने कहा, हम कल की हिंसा में लिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे। हमारी सरकार ने जीजेएम को अब तक पूरा समर्थन दिया है लेकिन अब सख्त कार्रवाई करने का वक्त आ गया है। हमनें लोगों को हड़ताल और हिंसा को समर्थन नहीं देने को कहा है क्योंकि इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है।  
 
आपात बैठक में मुख्य सचिव वासुदेव बनर्जी, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और जीटीए के प्रधान सचिव भी मौजूद थे। सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह तब तक दार्जिलिंग में ही रहेंगी जब तक कि सभी पर्यटक यहां से सुरक्षित नहीं निकल जाते और हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाते। 
 
उन्होंने जीजेएम कार्यकर्ताओं के पथराव में आंख की गंभीर चोट से जूझ रहे एक पुलिसकर्मी को एक लाख रुपए, चार गंभीर रूप से घायल पुलिसकर्मियों को 25-25 हजार रुपए और अन्य 15 घायलों को 20-20 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की।
         
आईपीएस जावेद शमीम, सिद्धिनाथ गुप्ता और अजय नंदा के तीन सदस्ईय पैनल को दार्जिलिंग में कानून-व्यवस्था 
पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है। दार्जिलिंग में हिंसा के मद्देनजर सेना की दो टुकड़ियों को प्रशासन की मदद के लिए तैनात किया गया है। राज्य पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में तैनात हैं। 
     
एक रिपोर्ट के मुताबिक जीजेएम समर्थकों ने रांगली रागलियाट के मोंगपू में एक निर्माणाधीन आईटीआई कॉलेज को आग लगा दी। कल के प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे जीजेएम के अध्यक्ष विमल गुरुंग फरार हैं। 
      
पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए सिलिगुड़ी के तेनजिंग नोर्गे बस स्टैंड से कोलकाता के लिए सुबह 6 बजे से हर दो घंटे के अंतराल पर बस रवाना हो रही है। दार्जिलिंग में टॉय ट्रेन का संचालन भी आज बंद रहा। सिलिगुड़ी के बागडोगरा हवाई अड्डे पर लगभग 4000 लोग दार्जिलिंग से जाने के लिए आए। राज्य सरकार के विशेष आग्रह पर हवाई अड्डे को सुबह से खोल दिया गया है।
       
हवाई अड्डे के निदेशक राकेश रंजन सहाय ने बताया कि इस हवाई अड्डे से आज 3906 यात्रियों ने अलग-अलग स्थानों के लिए उड़ान भरी। इस बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की दार्जिलिंग इकाई ने इस हिंसा के लिए सुश्री बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है। उसने स्थानीय प्रतिनिधियों से शांतिपूर्ण संवाद के लिए सरकार से पहल करने का भी आह्वान किया। पार्टी ने बयान जारी करके कहा कि दार्जिलिंग में स्थिति गंभीर है। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री यहां के सभी निर्वाचित इकाइयों को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।
       
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में जीजेएम समर्थकों और पुलिस के बीच कल हिंसक झड़पों में उत्तरी बंगाल के पुलिस उपमहानिरीक्षक राजेश यादव सहित कम से कम 50 पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और कांच की बोतलें फेंकी। यह झड़पें मुख्यमंत्री की राजधानी कोलकाता से बाहर दार्जिलिंग में पहली कैबिनेट बैठक के दौरान हुई। (वार्ता) 

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